जौनपुर। नगर पंचायत कजगांव में सरदार सेना के जिलाध्यक्ष ने अपने निवास स्थान पर संविधान निर्माता भारत रत्न डा. भीम राव अंबेडकर की जयंती मनायी जहां उनके दिखाये रास्ते पर चलने का संकल्प भी लिया। साथ ही संविधान के महानायक बाबा साहब के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुये श्री पटेल ने लोगों से अपील किया कि बाबा साहब की विचारधारा पर काम कर देश को विकास के रास्ते पर ले जाने में अपना योगदान करें। साथ ही कहा कि अम्बेडकर ने दलित, पिछड़े, शोषित, वंचित समाज के समर्थन में अभियान का नेतृत्व किया। वह स्वतंत्रता के बाद भारत के पहले कानून और न्याय मंत्री थे। इन सबसे ऊपर अंबेडकर ने भारत के संविधान को बनाने में एक केंद्रीय भूमिका भी निभाई थी, उस समय भारतीय समाज में व्याप्त विभिन्न अन्याय से लड़ने के लिए भावुक थे। अन्याय के खिलाफ तमाम लडा़इयां लड़ने का कार्य किये हैं, वह एक अर्थशास्त्री, राजनेता और समाज सुधारक थे जिन्होंने दलित समुदाय के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी जिन्हें अछूत माना जाता था (उन्हें अभी भी देश के कुछ हिस्सों में अछूत माना जाता है)।
श्री पटेल ने कहा कि भारत के संविधान के एक प्रमुख वास्तुकार अम्बेडकर ने महिलाओं के अधिकारों और मजदूरों के अधिकारों की भी वकालत की। भारतीय गणराज्य की सम्पूर्ण अवधारणा के निर्माण में अम्बेडकर जी का योगदान बहुत बड़ा है। उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने भारत के राज्य को पुरातन मान्यताओं और विचारों से मुक्त करने के लिए अर्थशास्त्र में अपनी मजबूत पकड़ का इस्तेमाल किया। उन्होंने अछूतों के लिए अलग निर्वाचक मंडल बनाने की अवधारणा का विरोध करते हुये सभी के लिए समान अधिकारों की वकालत की थी। अम्बेडकर जी को पाली, संस्कृत, अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, मराठी, पर्शियन, गुजराती जैसी नौ भाषाओं का ज्ञानी थे। इसे उनकी दूरदर्शिता ही कही जाएगी कि उन्होंने देश के लिए एक ऐसा संविधान तैयार किया जो सभी जाति व धर्म के लोगों की रक्षा करता है व उन्हें समानता का अधिकार प्रदान करता है।
इस अवसर पर विपिन पटेल, वृजेन्द्र पटेल, सत्यम् सिंह पटेल, विशाल पटेल, विकास पटेल, छोटे लाल पटेल, विमलेश पटेल, अमन पटेल, त्रिलोकी पटेल सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
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