​न्यायालय की तत्परता से दो साल के अंदर ही अभियुक्त को मिला न्याय

  • साक्ष्य के अभाव में हत्याभियुक्त संतोष कुमार बरी
  • बचाव पक्ष के अधिवक्ता शिवलाल कन्नौजिया व अवधेश कुमार सिंह ने प्रमुखता से कोर्ट में रखा अपना पक्ष
  • अपर सत्र न्यायाधीश (फास्टट्रैक कोर्ट द्वितीय) जौनपुर में चल रही थी सुनवाई
जौनपुर। अपर सत्र न्यायाधीश (फास्टट्रैक कोर्ट द्वितीय) जौनपुर अर्पणा देव ने एक हत्याभियुक्त एवं आर्म्स एक्ट के आरोपी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। यह मामला थाना सुरेरी के ग्राम सरायडीह का है जो दो साल से फास्टट्रैक कोर्ट में चल रहा था। मृतक और अभियुक्त दोनों सगे भाई थे।
बताते चलें कि सुरेरी थाना क्षेत्र के सरायडीह निवासी संतोष कुमार कन्नौजिया पुत्र छोटे लाल कन्नौजिया के विरुद्ध सुरेरी थाने में 4 दिसंबर 2022 को सूचनाकर्ता गांव के चौकीदार जीवधर द्वारा इसकी सूचना दी गई जिसके अनुसार वादी मुकदमा छोटे लाल के पुत्र संजय कन्नौजिया को उन्हीं के पुत्र संतोष कुमार कन्नौजिया द्वारा चाकू मारकर हत्या करने का आरोप था। अभियोजन अभियुक्त के विरूद्ध यह साबित कर पाने में असफल रहा है कि अभियुक्त द्वारा मृतक की चाकू मारकर हत्या की गई है और न ही अभियोजन अभियुक्त की निशानदेही पर आलाकत्ल की बरामदगी को साबित कर पाया है।
अभियुक्त संतोष कुमार कन्नौजिया के विरुद्ध थाना सुरेरी जिला जौनपुर की पुलिस द्वारा अपराध संख्या 128 सन 2022 अंतर्गत धारा 302 भारतीय दंड संहिता एवं धारा 4/25 आयुध अधिनियम के तहत 2022 में गिरफ्तार करके जौनपुर जिला कारागर में बंद कर दिया गया था। मामला न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। न्यायालय के समक्ष बचाव पक्ष के अधिवक्ता शिवलाल कन्नौजिया और अधिवक्ता अवधेश कुमार ने बचाव पक्ष की तरफ से अपना पक्ष प्रमुखता से रखा। इस मुकदमे में जमानत के लिए अधिवक्ता शिवलाल कन्नौजिया इलाहाबाद हाईकोर्ट में जाकर जमानत कराया और बचाव पक्ष के लिए दिल्ली से बार बार आकर न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष प्रमुखता से रखा। न्यायालय ने तत्परता दिखाते हुए दो वर्ष में ही अपना फैसला सुनाया और अभियुक्त संतोष कुमार कन्नौजिया को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया। अभियोजन की तरफ से अधिवक्ता सतीश कुमार रघुवंशी एवं वीरेंद्र प्रताप मौर्य रहे। दोनों पक्षों की बहस के बाद साक्ष्य के अभाव में अपर सत्र न्यायाधीश फास्टट्रैक कोर्ट द्वितीय अर्पणा देव ने अभियुक्त को दोषमुक्त कर दिया। इस मामले में सबसे अहम पहलू यह है कि दो वर्ष में ही इस मामले का निस्तारण हो गया।
गौरतलब हो कि अभियोजन साक्षीगण के बयानों में मुख्यत: एक बात सामान्य रूप से आयी है कि मृतक संजय कुमार शराब बहुत पीता था और गांव वालों को अक्सर शराब पीकर गाली देता था। घटना के छह सात माह पहले संजय की पत्नी का बीमारी के कारण देहांत हो गया था तब से वह अधिक शराब पीने लगा था। गवाह भी संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए जिसके कारण अभियुक्त संतोष कुमार कन्नौजिया दोषमुक्त हो गया।

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