किसान कार्ड के लिए जिले के हर राजस्व गांव में शिविर का आयोजन किया जा रहा है इसमें कृषि विभाग, पंचायत विभाग एवं राजस्व विभाग के दो-कर्मचारी रहेंगे। शिविर में गांव के संबंधित किसान का नाम, पिता का नाम, स्वामित्व वाले सभी गाटा संख्या, सह खातेदार होने की स्थिति में गाटों में किसान का अंश, आधार नंबर, ई-केवाईसी विवरण आदि दर्ज करेंगे। किसी प्रकार के स्वामित्व स्थानांतरण (वरासत, बैनामा आदि) होने पर किसान रजिस्ट्री में बदलाव किया जा सकेगा, इससे किसान के हर गाटे में हर सत्र में बोई जाने वाली फसल का विवरण भी शामिल किया जाएगा।
डीएम डॉ. दिनेश चंद्र ने बताया कि अभी तक किसान को किसी भी तरह का ऋण लेने के लिए बार-बार राजस्व रिकार्ड देना पड़ता है। किसान रजिस्ट्री होने पर उसके नंबर को संबंधित एप पर डालकर उसका पूरा विवरण देखा जा सकेगा। इससे किसान कल्याण की योजनाएं बनाने और उसके क्रियान्वयन में आसानी होगी। लाभार्थियों को सत्यापन कृषि उत्पाद के विपणन और अन्य वित्तीय मामलों में सहूलियत होगी। साथ ही पीएम किसान सम्मान निधि भुगतान, फसली ऋण के लिए किसान क्रेडिट कार्ड, फसल बीमा, आपदा के दौरान किसानों को क्षति पूर्ति देने के लिए किसानों का चयन करने में आसानी होगी, साथ ही राजस्व विवादों का भी निस्तारण होगा। इस मौके पर उप कृषि निदेशक हिमांशु पांडेय, तहसीलदार सदर सौरभ कुमार, उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी, उप परियोजना निदेशक आत्मा, जनपद स्तरीय मास्टर ट्रेनर डॉ. रमेश चंद्र यादव, नायब तहसीलदार, टीएमटी, एडीओ एजी, राजस्व लेखपाल, पंचायत सहायक आदि मौजूद रहे।
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