⚠️

Please activate the SSL certificate.

Please ensure you're visiting over a secure connection.

https://www.jaunpurlive.com/

Jaunpur : ​मड़ियाहूं में विधिक साक्षरता, जागरूकता शिविर का आयोजन


जौनपुर। उप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के एक्शन प्लान वर्ष 2024-25 के निर्देशानुसार एवं जनपद न्यायाधीश, अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनिल कुमार वर्मा के निर्देशन में व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में 'मानवाधिकार दिवस, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, पूर्वगर्भाधान और प्रसवपूर्व निदान तकनीक अधिनियम 1994, विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा 12 के अन्तर्गत महिलाओं को निःशुल्क विधिक सहायता' विषयों पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय, सचिव पूर्णकालिक, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्रशांत कुमार सिंह की अध्यक्षता में तहसील सभागार मड़ियाहूं में विधिक साक्षरता, जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय द्वारा बताया गया कि दुनिया भर में हर साल 10 दिसम्बर को मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1948 में मानवाधिकारों की सार्वभौमिक  घोषणा को अपनाया था। मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा इस बात पर प्रकाश डालता है कि हर व्यक्ति को बुनियादी स्वतंत्रता और सुरक्षा हासिल, समानता का अधिकार है, चाहे उसकी जाति, लिंग, धर्म, राष्ट्रीयता हो और संघ बना के शान्तिपूर्ण ढ़ंग से विचार-विमर्श करने की स्वतंत्रता, अवागमन की स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त है। बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 भारतीय कानून के अनुसार बाल विवाह वह विवाह है जिसमें या तो महिला की आयु 18 वर्ष से कम होती है या पुरूष की आयु 21 वर्ष से कम होती है। अधिकांश बाल विवाह कम उम्र की महिलाओं के साथ होते है।
प्रभारी तहसीलदार सत्येन्द्र मौर्य, मड़ियाहूं द्वारा बताया गया कि मानवाधिकारों की पहली वैश्विक घोषणा और नए संयुक्त राष्ट्र की पहली प्रमुख उपलब्धियों में से एक मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा की 10 दिसम्बर 1948 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के अंगीकरण और उद्धोषणा का सम्मान करने के लिए तिथि का चयन किया गया था। मानवाधिकार दिवस की औपचारिक स्थापना 4 दिसम्बर 1950 को महासभा की 317वीं पूर्ण बैठक में हुई। दहेज निषेध अधिनियम 1961 के अनुसार दहेज लेने देने या इसके लेन-देन में सहयोग करने पर 5 वर्ष की कैद और 15,000/- रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। साथ ही केन्द्र, राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही कल्याणकारी योजनाओं के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया।
पैनल अधिवक्ता देवेंद्र कुमार यादव द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं उ.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की योजनाओं के क्रियान्वयन से सम्बन्धित जानकारी प्रदान कराई गई। वैवाहिक प्री-लिटिगेशन मामलों एवं मध्यस्थता के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया, साथ ही राष्ट्रीय लोक अदालत के लाभों के बारे में भी बताया। इस अवसर पर मोहन लाल यादव, राष्ट्रीय सचिव अधिवक्ता संघ, नवोदय विद्यालय के प्रधानाचार्य बालकृष्ण, संग्रह अमीन आशुतोष पाठक, राजस्व निरीक्षक विजय प्रकाश पाण्डेय, ओमप्रकाश तिवारी, कुंज बिहारी सिंह, राजवन्त यादव, रमेश चन्द्र तिवारी, भोलानाथ, अधिवक्तागण, कर्मचारीगण व स्कूल के बच्चें एवं अन्य उपस्थित थे।
Previous Post Next Post

Contact us for News & Advertisement

Profile Picture

Ms. Kshama Singh

Founder / Editor

Mo. 9324074534