​Jaunpur : सड़े-गले आलू से बनेगा खाद, शीतगृह स्वामी फेंके नहीं

जौनपुर। जिला उद्यान अधिकारी डॉ. सीमा सिंह राणा ने बताया कि प्रायः यह संज्ञान में आता है कि शीतगृह स्वामी द्वारा सड़ी सब्जियों का निस्तारण सामान्य रूप से जमीन के अंदर दबाकर कर देते हैं जिससे मिट्टी में उपलब्ध तत्वों धातुओं रसायनों को प्रभावित करके मिट्टी और भूजल को विभिन्न प्रकार से संदूषित कर देता है। शासन के मंशा के अनुरूप दो माह के भीतर यह सुनिश्चित किया जाय कि इनका निस्तारण वैज्ञानिक ढंग से किया जाए। शीतगृह स्वामी ध्यान दें कि शीतगृह में सड़ी हुई सब्जियां बायोडिग्रडेबल पदार्थ के रूप में होती है जिसको कम्पोस्ट बनाकर कृषि कार्यों में उपयोग किया जा सकता है। ऐसे में विषयवस्तु विशेषज्ञों के सलाह से उचित कदम उठायें जाए।
अमोनियम गैस रिसाव की आपदां प्रबंधन योजना के बिना कोल्ड स्टोंरेज संचालित न किए जाये तथा शीतगृहों द्वारा इस आशय का आपदा प्रबन्धन योजना तत्काल उपलब्ध कराया जाये। शीतगृह स्वामी द्वारा निकटवर्ती गौशालाओं के साथ सम्पर्क स्थापित करते हुए कटा-फटा अनुपयुक्त आलू का निस्तारण सुनिश्चित किया जाए जो कि गौशाला मे चारा प्रबंधन के रूप मे प्रयुक्त किया जा सकता है। साथ ही साथ समुचित अभिलेखीकरण किया जाये अथवा कटा-फटा अनुपयुक्त शीतगृह स्वामी का निस्तारण वैज्ञानिक ढंग से किया जाये।
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