Jaunpur : ​शोध की गुणवत्ता संवर्धन में डिजिटल टूल अत्यंत प्रासंगिक

एकदिवसीय सिंपोजियम का आयोजन
जौनपुर। शिक्षक शिक्षा विभाग तिलकधारी महाविद्यालय के तत्वाधान में शोध प्रक्रिया में डिजिटल टूल की प्रासंगिकता पर एकदिवसीय सिंपोजियम का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में असम विश्वविद्यालय शिक्षा संकाय के प्रो. अजय कुमार सिंह ने कहा कि वर्तमान युग बिना तकनीकी दक्षता के संभव नहीं है। शोध की प्रक्रिया में गुणात्मक सुधार विभिन्न प्रकार के डिजिटल टूल्स का प्रयोग करके किया जा सकता है। आपने विभिन्न प्रकार के डिजिटल टूल्स प्रक्रियात्मक विमाओं को रेखांकित किया जिनका प्रयोग करके शोधकर्ता समस्या चयन से लेकर आंकड़ों के विश्लेषण तक की प्रक्रिया को बड़े सहजता और सरलता से कर सकता है।
पूर्वांचल विश्वविद्यालय शिक्षा संकाय के डीन प्रो. अजय कुमार दुबे ने कहा कि वर्तमान परिवेश में शिक्षक शिक्षा में सुधार के लिए डिजिटल लिटरेसी अत्यंत प्रासंगिक है जो कि शोध की गुणात्मक सुधार में सहयोगी होगा। सिंपोजियम के विषय प्रवर्तन करते हुए शिक्षक शिक्षा के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सुधांशु सिन्हा ने कहा कि चैट जीबीटी, मैडले, गूगल स्कॉलर जैसे विभिन्न प्रकार के डिजिटल तकनीक का प्रयोग करके हम अपने शोध की प्रक्रिया को बड़े सरल ढंग से संपादित कर सकते हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रबंध समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर श्रीप्रकाश सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में उच्च शिक्षा में इस तरीके के आयोजन अत्यंत प्रासंगिक हैं। प्राचार्य प्रो. ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि वर्तमान परिवेश में शोध की गुणवत्ता को निर्धारित करने के लिए विभिन्न प्रकार के डिजिटल टूल्स का प्रयोग किया जा रहा है। सिंपोजियम के समन्वयक डॉ. प्रशांत कुमार पांडेय ने कहा कि उच्च शिक्षा के मूलभूत लक्ष्य ज्ञान का प्रसार नवाचार एवं शोध है। सिंपोजियम की आयोजन सचिव डॉ. सुलेखा सिंह एवं सह संयोजक डॉ. गीता सिंह ने भी डिजिटल टूल से सम्बंधित अपने विचार व्यक्त किया। इस अवसर पर प्रो. रीता सिंह, डॉ. अरविंद कुमार सिंह, डॉ. सीमांत राय ने भी संबोधित किया। संचालन डॉ. वैभव सिंह ने किया।


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