नि:शुल्क शिविर में 143 मरीजों का हुआ इलाज
जौनपुर। शहर के कृष्णा ट्रामा एंड ज्वाइंट रिप्लेस सेंटर पर फर्स्ट वन रिहैब फाउंडेशन द्वारा एक दिवसीय निःशुल्क फिजियोथेरेपी एवं ऑक्यूपेशनल थेरेपी शिविर का आयोजन किया गया जिसके माध्यम से 143 मरीजों ने स्वास्थ्य लाभ मिला। शिविर से पूर्व डॉ. महिपाल सिंह, डॉ. दीक्षा श्रीवास्तव द्वारा पैरामेडिकल की छात्राओं को स्पाइन फ्लेक्सिबिलिटी एवं पेल्विक हेल्थ फॉर हेल्थ वर्कर्स विषय पर व्याख्यान दिया गया।
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डा. महिपाल सिंह बताया कि फिजियोथेरेपी एक बहुत ही उपयोगी चिकित्सा पद्धति है, जो शरीर की गति और कार्यक्षमता को बेहतर बनाने में मदद करती है। यह चिकित्सा की प्रक्रिया मुख्य रूप से शारीरिक दर्द, चोट, ऑपरेशन के बाद की रिकवरी और मांसपेशियों तथा जोड़ के विकारों के इलाज के लिए बेहद कारगर है। फिजियोथेरेपी न केवल दर्द को कम करने में मदद करती है, बल्कि यह शरीर की लचीलापन, ताकत और समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने में भी मदद करती है। विशेषकर बुजुर्गों, खिलाड़ियों, घंटों तक बैठा कर पढ़ने लिखने वाले बच्चों, कार्यस्थल पर शारीरिक मेहनत करने वाले लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होती है। फिजियोथेरेपी को हर तरह के शारीरिक इलाज का अहम हिस्सा माना जाता है और यह दवाइयों के बिना उपचार का एक सुरक्षित और प्रभावी तरीका बन गया है।
डा. दीक्षा श्रीवास्तव ने बताया कि ऑक्यूपेशनल थेरेपी एक चिकित्सा पद्धति है जिसका उद्देश्य व्यक्तियों को दैनिक जीवन की गतिविधियों में स्वतंत्रता और क्षमता प्रदान करना है। यह शारीरिक, मानसिक या संज्ञानात्मक चुनौतियों का सामना कर रहे लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है। नियमित रूप से उपचार ले रहे बच्चों में मोटर स्किल्स, सेंसरी प्रोसेसिंग और सोशल-इमोशनल स्किल्स की पहचान और क्षमताओं में महत्वपूर्ण सुधार देखा गया है। इसके उपरांत प्रयागराज से आए डा. त्रिभुवन सिंह, नोएडा से आईं डा. सुष्मिता भाटी, देहरादून से स्पेशल एजुकेटर पूनम मिश्रा ने शिविर में उपस्थित लोगों को अपनी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की।
कार्यक्रम संयोजक डा. रॉबिन सिंह ने बताया कि इस शिविर का मुख्य उद्देश्य जनमानस को शारीरिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और दर्द तथा अन्य शारीरिक समस्याओं से राहत दिलाना था। शिविर में विभिन्न प्रकार के उपचारों जैसे कि मांसपेशियों की खिंचाव, जोड़ों के दर्द, रीढ़ की हड्डी के दर्द आदि का इलाज किया गया। मांसपेशियों को सशक्त बनाने के व्यायाम, स्ट्रेचिंग और इलेक्ट्रोथेरेपी के बारे में भी बताया गया। कई मरीजों ने बताया कि उन्हें इस शिविर से तात्कालिक आराम मिला। डॉ. संजय सिंह, डॉ. रॉबिन सिंह, प्रिंसिपल सभ्यता दूबे, डॉ. प्रदीप मौर्या ने आमंत्रित चिकित्सकों को अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया व आभार व्यक्त किया।