शेख नूतन हसन मेमोरियल सोसायटी ने इफ्तार का किया आयोजन
जौनपुर। शिया जामा मस्जिद नवाब बाग़ में मोमनीन की जानिब से पूरे माहे रमज़ान में इफ्तार का एहतेमाम किया जाता है। इसी सिलसिले से शेख़ नूरूल हसन मेमोरियल सोसायटी ने भी शिया जामा मस्जिद नवाब बाग़ में इफ्तार का आयोजन किया। इस मौक़े पर शेख़ नूरूल हसन मरहूम व शेख़ हसीन अहमद मरहूम के इसाले सवाब के लिए आयोजित मजलिस को सम्बोधित करते हुए हुज्जत उल इस्लाम मौलाना उरूज हैदर ख़ां अध्यापक जामिया इमानिया नासिरया ने कहा कि रमज़ान का महिना मुसलमानों में अनुशासन, भाईचारा, एवं धैर्य पैदा करता है। इन्सान बुराइयों से अपने को दूर रखता है। अमीर ग़रीब का अन्तर कम होता है। भूख—प्यास का एहेसास कर्बला के शहीदों की भूख प्यास की याद दिलाती हैं। उन्होंने इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की शहादत का मसायब पढ़ा। मजलिस के बाद मौलाना उरूज हैदर ख़ां के नेतृत्व में मोमनीन ने नमाज़ अदा किया। अन्त में शेख़ नूरूल हसन मेमोरियल सोसायटी के सचिव/मैनेजर शेख अली मंजर डेजी ने समस्त आगंतुकों के प्रति आभार जताया।
जौनपुर। शिया जामा मस्जिद नवाब बाग़ में मोमनीन की जानिब से पूरे माहे रमज़ान में इफ्तार का एहतेमाम किया जाता है। इसी सिलसिले से शेख़ नूरूल हसन मेमोरियल सोसायटी ने भी शिया जामा मस्जिद नवाब बाग़ में इफ्तार का आयोजन किया। इस मौक़े पर शेख़ नूरूल हसन मरहूम व शेख़ हसीन अहमद मरहूम के इसाले सवाब के लिए आयोजित मजलिस को सम्बोधित करते हुए हुज्जत उल इस्लाम मौलाना उरूज हैदर ख़ां अध्यापक जामिया इमानिया नासिरया ने कहा कि रमज़ान का महिना मुसलमानों में अनुशासन, भाईचारा, एवं धैर्य पैदा करता है। इन्सान बुराइयों से अपने को दूर रखता है। अमीर ग़रीब का अन्तर कम होता है। भूख—प्यास का एहेसास कर्बला के शहीदों की भूख प्यास की याद दिलाती हैं। उन्होंने इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की शहादत का मसायब पढ़ा। मजलिस के बाद मौलाना उरूज हैदर ख़ां के नेतृत्व में मोमनीन ने नमाज़ अदा किया। अन्त में शेख़ नूरूल हसन मेमोरियल सोसायटी के सचिव/मैनेजर शेख अली मंजर डेजी ने समस्त आगंतुकों के प्रति आभार जताया।
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