Jaunpur Samachar : 16 कलाओं से युक्त चन्द्रमा के सदृश निशीथ में हुआ भगवान श्रीकृष्ण का प्राकट्य

Lord Krishna appeared in the night like the moon with 16 phases

विदितोअसि भवान साक्षात पुरूषः प्रकृतेः परः कथा व्यास

सुइथाकला के पिपरौल गांव में चल रही सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा

सुइथाकला, जौनपुर। स्थानीय विकास खण्ड स्थित पिपरौल गांव में प्रधानाचार्य रमेश चन्द्र मिश्र के निज निवास पर चल रही सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के चतुर्थ दिवस पर श्रीमद्भागवत अन्तरराष्ट्रीय कथा व्यास मनोज अवस्थी जी महाराज ने उपस्थित श्रोताओं को वामनावतार कथा, मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम एवं लीला पुरूषोत्तम श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की कथा का रसपान कराया।

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भगवान वामनावतार की कथा श्रवण कराते हुए कथा व्यास ने कहा कि कश्यप के उपदेश से अदिति ने पयोव्रत का अनुष्ठान किया और फलस्वरूप भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की श्रवण युत द्वादशी-अभिजित मुहुर्त में भगवान वामन का प्राकट्य हुआ। वामनावतार में भगवान विष्णु ने राजा बलि को यह शिक्षा दी कि दम्भ और अहंकार से जीवन में कुछ भी हासिल नहीं होता है। लौकिक जगत की धन संपदा क्षणभंगुर होती है। 3 लोक दान करने के उपरांत राजा बलि और उनकी पत्नी विन्ध्यावली भगवान वामन के चरण युगल धोकर मस्तक पर लगाया। राजा बलि का अहंकार नष्ट होने पर उनकी सत्यनिष्ठा से प्रसन्न होकर भगवान ने बलि को सुतललोक भेजकर अपना कृपापात्र बना दिए। श्रीराम के प्राकट्य की कथा के क्रम में संत प्रवर ने कहा कि राम का प्राकट्य हीं सम्पूर्ण सुखों का मूल है।

जोग लगन ग्रह बार तिथि सकल भए अनुकूल। चर अरु अचर हर्षजुत राम जनम सुखमूल॥ उसी प्रकार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को निशीथ में जब चतुर्दिक अन्धकार का साम्राज्य था उसी समय सबके हृदय में विराजमान भगवान विष्णु, देवरूपिणी देवकी के गर्भ से प्रकट हुए जैसे पूर्व दिशा में 16 कलाओं से युक्त चन्द्रमा का उदय हो गया हो। भगवान के प्राकट्य से वसुदेव जी उन्हे पहचान कर भयमुक्त हो गये उन्होंने कहा कि विदितोअसि भवान साक्षात पुरूषः प्रकृतेः परः। कथा समापन अवसर पर उपस्थित भक्तजन आरती लेकर प्रसाद ग्रहण किये।

श्रीमद्भागवत कथा संयोजक मण्डल में एडवोकेट कपिलदेव मिश्र, अमित मिश्रा, उमेश मिश्र, आदर्श मिश्र, आशीष मिश्र, प्रशान्त मिश्र, अर्पित मिश्र, अंकित मिश्र, शिवम मिश्र, प्रफुल मिश्र, आर्विक मिश्र, शवी मिश्र, सार्थक मिश्र, शौर्य मिश्र, अथर्व मिश्र शामिल रहे। इस अवसर पर राजनाथ तिवारी, ओम प्रकाश तिवारी, जय प्रकाश तिवारी, राजकरन, हरिशंकर, विजयशंकर, ओंकार, उदयशंकर, राजेश कुमार, कमलेश, बृजेश, देवेश, राहुल सहित तमाम भागवत कथा प्रेमीजन उपस्थित रहे।



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