सुइथाकला में महिला की गई जान
खेतासराय में ढलाई से पहले आंधी में उड़ गई मकान की शटरिंग
जौनपुर। जनपद में गुरुवार की सुबह करीब 11 बजे से हो रही तूफानी बारिश ने लोगों को गर्मी से राहत जरूर दी है, परंतु काट कर रखी गई तथा खेतों में खड़ी गेहूं की फसल को हुए नुकसान ने किसानों की कमर तोड़ दी है जिन किसानों ने दंवाई का काम पूरा कर लिया था, उनमें से अनेक लोगों के भूसे का नुकसान पहुंचा है। तेज हवाओं के चलते भी फसलों को नुकसान पहुंचा है। करीब 2 घंटे तक हुई बारिश ने किसानों के माथे पर चिंता ला दी है। लगातार अथक परिश्रम के बाद अब फसल तैयार हो चुकी है, ऐसे में जिन किसानों ने अभी तक दंवाई नहीं की थी, उनको बहुत नुकसान पहुंचा है। देखना है कि सरकार किसानों को हुए भारी नुकसान को देखते हुए क्या कदम उठाती है?
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वहीं शहर में भी आंधी की वजह से कहीं विद्युत पोल गिर गए तो कहीं पेड़ की टहनियां गिर गईं। वहीं कलेक्ट्रेट में आंधी से नीम की पेड़ की एक टहनी टूटकर गिर गई। संयोग था कि कार्यदिवस के दिन भी आंधी पानी के चलते लोग वहां नहीं थे अन्यथा किसी अनहोनी से इनकार नहीं किया जा सकता था। हालांकि कुछ घंटे में ही मौसम सामान्य होने पर पेड़ की टहनी को हटा दिया गया है। इसी क्रम में शीतला चौकियां धाम में गुरुवार की सुबह तेज हवाओं के साथ आई आंधी में देवचंदपुर में स्थित जिओ टावर के पास लगा विद्युत पोल टूटकर गिर गया। इस पोल से 11 हज़ार वोल्टेज का तार गुजरा है। लोगों ने सूचना जिओ कर्मचारी के साथ बिजली कर्मियों को दे दी है। ज्ञात हो कि इसके पूर्व यह जर्जर खंभा एक तरफ़ झुक गया था। इसकी शिकायत स्थानीय लोगों ने जिओ कंपनी के अधिकारियों से की थी। आज तेज हवाओं के साथ आई आधी में खंभा टूटकर सड़क मार्ग पर गिरा पड़ा है। घटना के समय कोई राहगीर मौजूद नहीं था, नहीं तो ख़तरा हो सकता था। विद्युत पोल टूटने की वजह से क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई है। हालांकि कुछ देर बाद विद्युत आपूर्ति बहाल हो गई।
सुइथाकला : स्थानीय क्षेत्र के समोधपुर गांव में गुरुवार की सुबह तेज आंधी के चलते एक महिला की जान चली गई। आंधी के दौरान आम का पेड़ गिरने से महिला उसकी चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गई जिसकी इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। जानकारी के अनुसार, समोधपुर निवासी साधना यादव 29 वर्ष पत्नी अनिल यादव गुरुवार सुबह लगभग 10 बजे बारिश की आशंका के कारण घर के बाहर रखे उपलों को हटाने में जुट गई। इसी दौरान अचानक तेज आंधी चली और एक आम का पेड़ टूटकर उनके ऊपर गिर पड़ा। पेड़ के नीचे दबने से वह घायल हो गईं। परिजनों, ग्रामीणों ने किसी प्रकार उन्हें बाहर निकाला और तत्काल उपचार के लिए राजकीय पुरुष चिकित्सालय शाहगंज ले गए, जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर आवश्यक विधिक कार्रवाई करते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
खेतासराय : आंधी के साथ गरज चमक के साथ हुई बारिश के चलते किसान समेत अन्य लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ा। गुरुवार को आई आंधी के दौरान उसरहटा गांव में मकान की ढलाई से पहले छत की शटरिंग आंधी में उड़ गई। इससे मकान मालिक को काफी नुकसान उठाना पड़ा। उसरहटा निवासी कामिल मकान निर्माण करा रहे हैं। मकान के छत की ढलाई के लिए शटरिंग का काम पूरा हो चुका था। वायरिंग के लिए पाइप बिछ चुकी थी। दो दिन बाद छत की ढलाई होनी थी। इससे पहले गुरुवार को तेज आंधी, आंधी के साथ हुई बारिश के दौरान छत की शटरिंग हुई सरिया हवा के साथ उड़ गई लगभग 20 मीटर की दूरी पर जाकर गिरी संयोग अच्छा था कोई अनहोनी नहीं हुई।
केराकत : गुरुवार को दोपहर को अचानक चली तेज आंधी व बारिश के चलते मौसम का मिजाज ठंडा हो गया। लगभग आधे घंटे तक तेज आंधी तूफान के चलते कई लोगों के टीन शेड उड़ कर गिर गये। साथ ही खेतों में गेहूं आदि फसलों व खेत में पड़े भूसों की भारी क्षति हुई जिसके चलते इस भारी क्षति से किसान काफी गमगीन देखे जा रहे हैं। वहीं तेज आंधी से कई वृक्ष गिर गये व डालियां टूट कर गिर गई। वहीं इस आंधी व बारिश के चलते मौसम का मिजाज भी ठंडा हो चला है। लोगों को काफी गर्मी से राहत मिली है।
खुटहन : स्थानीय क्षेत्र में गुरुवार को अचानक आसमान में छाये काले बादलों के साथ आंधी और बरसात में कई पेड़ जमीन पर गिर गये जिसके चलते कुछ समय तक रास्ता भी बंद हो गया जिसे ग्रामीणों ने कुल्हाड़ी से काट रास्ता चालू कराया। खेत में पककर तैयार गेहूं की खड़ी व काटकर रखी गई फसल भींग गई। किसानों के मड़ाई का काम भी रुक गया है। बताते हैं कि फतेहगढ़ गांव में तेज आंधी के थपेड़े में आकर यहां से गायत्रीनगर जाने वाले मार्ग पर शीशम का पेड़ गिर गया। इसी तरह बीरमपुर बाजार के चौराहे पर एक आम का पेड़ गिर गया जिसके चलते कुछ समय तक आवागमन प्रभावित रहा। ग्रामीणों ने उसकी डालें काटकर मार्ग खाली कराया। इसके अलावा गेहूं की तैयार फसल बारिश में भीग जाने से किसानों को उसकी मड़ाई रोक देनी पड़ी है। आंधी पानी से कहीं जनहानि नहीं हुई है।