ऑपरेशन के बाद जब मरीज की हालत बिगड़ती है, तो आनन-फानन में उन्हें किसी बड़े अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है, जहां पर संचालक को मोटा कमीशन भी मिलता है। बताया जाता है कि यह अस्पताल बिना किसी पंजीकरण या डिग्री के, भगवान भरोसे चल रहा है। स्थानीय स्तर पर सक्रिय कुछ दलाल गांवों से मरीजों को बहला फुसला कर अस्पताल में लेकर आते हैं, जहां पहले तो उन्हें महंगी और अनावश्यक जांच के जाल में फंसाया जाता है और फिर भय का माहौल बनाकर सीजर, ऑपरेशन के लिए मजबूर किया जाता है। इस मामले में प्रभारी चिकित्साधिकारी, पीएचसी सोंधी डॉ. सूर्य प्रकाश यादव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अस्पताल का शीघ्र ही भौतिक निरीक्षण किया जाएगा, यदि अनियमितता पाई जाती है तो विधिक कार्रवाई की जाएगी।
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