आरोप है कि चौथे दिन दरोगा ने अमित सहित एक अन्य युवक साहिल को उदपुर गांव के पास सई नदी पुल के समीप से गिरफ्तार दिखाया और फर्जी कहानी गढ़कर चालान न्यायालय भेज दिया जहां से वह जेल चला गया। मनीष यादव का आरोप है कि जब उनका भांजा देवेश यादव उसी दिन रात को थाने पहुंचा और अमित का जुर्म पूछा उसके बाद छोड़ने की गुहार लगाई तो दरोगा त्रिवेणी सिंह को यह नागवार लगा और पट्टों से उसकी बेरहमी से पिटाई की।
देवेश ने थाने से बाहर निकलकर हेल्पलाइन नंबर 1076 पर शिकायत दर्ज कराई और अगले दिन मेडिकल परीक्षण कराया। अमित के पिता बाहर रहते हैं। चाचा मनीष भतीजे को जेल से रिहा कराने के बाद पुलिस अधीक्षक जौनपुर सहित मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई है।
न्यायालय से जमानत पर रिहा हुए अमित यादव ने पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए बताया कि थाने में उसकी बेरहमी से पिटाई की गई। चौथे दिन दरोगा त्रिवेणी सिंह सहित अन्य पुलिसकर्मी उसे और साहिल को उदपुर गांव के समीप सई नदी पुल के पास ले गये। जेब में जबरन रुपये डालकर छिनैती के मामले में फर्जी फसाने के साक्ष्य के लिए कई वीडियो बनवाया और धमकी दी गई कि अगर शोर मचाया तो एनकाउंटर कर दिया जाएगा। अमित ने पुलिस द्वारा थाने के अंदर भी धमकाकर वीडियो बनाने की बात बताई है। अमित का कहना है कि उन्हें एक महीने पहले इजरी बाजार में हुई चेन लूट की घटना में जबरन फंसाया गया है।
एक माह पूर्व बीते 11 जून को इजरी बाजार में हुई लूट की यह घटना मनहन गांव निवासी रमाशंकर से जुड़ी है। उनके मुताबिक दोपहर करीब 12 बजे तीन युवक ग्राहक बनकर उनकी दुकान में घुसे और अचानक पंच से हमला कर गले की सोने की चेन छीनकर फरार हो गए। इसी मामले में अमित यादव को आरोपी बनाया गया है जिसे वह फर्जी बता रहे हैं। इस बाबत पूछे जाने पर क्षेत्राधिकारी केराकत अजीत रजत ने बताया कि शिकायत मिली है। मामले की जांच कर रिपोर्ट भेजी जायेगी। यदि पुलिस कर्मी दोषी पाये गये तो उनके खिलाफ कार्यवाही होगी।
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