Jaunpur News : ​बाल दिवस पर रोटरी क्लब ने करायीं रचनात्मक प्रतियोगिताएं

जौनपुर। रोटरी क्लब जौनपुर की ओर से बाल दिवस पर ब्लॉसम स्कूल में विविध रचनात्मक प्रतियोगिताएं की गईं। कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों में सृजनात्मकता, अभिव्यक्ति और सकारात्मक सोच को प्रोत्साहित करना रहा। विद्यालय परिसर उत्साह और उमंग से भरा दिखाई दिया जहाँ बड़ी संख्या में बच्चों ने सहभागिता किया।
कार्यक्रम के दौरान रोटरी क्लब द्वारा भाषण एवं चित्रकला प्रतियोगिता कराई गई। भाषण प्रतियोगिता के लिए "मैं बनूँगा देश का गौरव", "खुशहाल भारत, उज्ज्वल भारत" और "नेहरू जी और बच्चों का प्यार" जैसे विषय निर्धारित किए गए। वहीं चित्रकला प्रतियोगिता में बच्चों ने "खुशियों के रंग", "सपनों की दुनिया" और "अपने सपनों में, बनाओ नया भारत" विषयों पर अपनी कल्पनाओं को रंगों से सजाया। सभी प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर अपनी रचनात्मक क्षमता का प्रदर्शन किया।
प्रतियोगिताओं का मूल्यांकन निर्णायक मंडल के सदस्यों कलाविद रविकांत जायसवाल, आर्किटेक्ट ज्योति सिंह और समाजसेवी संदीप सेठ जफराबाद ने किया। निर्णायकों ने बच्चों की लगन, कल्पनाशीलता और प्रस्तुति की सराहना करते हुए विजेताओं का चयन किया। प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले बच्चों को ट्रॉफी और प्रमाणपत्र प्रदान किए गए जबकि सभी प्रतिभागियों को सांत्वना प्रमाणपत्र देकर उत्साहित किया गया।
क्लब अध्यक्ष विवेक प्रताप सेठी ने सभी अतिथियों, शिक्षकों और बच्चों का स्वागत करते हुये कहा कि ऐसी प्रतियोगिताएँ बच्चों के आत्मविश्वास और विचार-शक्ति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
निर्वतमान अध्यक्ष श्याम वर्मा ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं और उनकी शिक्षा, संस्कार एवं रचनात्मकता ही भारत को नई दिशा दे सकती है।
कलाविद् रविकांत जायसवाल ने बच्चों के लिए कहा कि "बच्चों की कल्पनाशक्ति असीमित होती है। जब उन्हें रंग और कैनवास मिलता है तो वे अपने मन की दुनिया को खूबसूरती से सामने लाते हैं। मैं सभी बच्चों से कहना चाहूँगा कि कला केवल शौक नहीं, बल्कि खुद को अभिव्यक्त करने का एक सुंदर माध्यम है। निरंतर अभ्यास करें, आपकी रचनात्मकता आपको ऊँचाइयों तक ले जाएगी।"
आर्किटेक्ट ज्योति सिंह ने बच्चों के लिए कहा कि "आज की पीढ़ी बेहद प्रतिभाशाली है। बच्चों के विचारों में नवाचार और सोच में स्वच्छता दिखती है। भविष्य का भारत इन्हीं नन्हें हाथों से बनेगा। मैं बच्चों को प्रेरित करना चाहती हूँ कि वे अपनी कल्पनाओं को सीमित न करें—बड़ा सोचें, नया सोचें और अपने सपनों की दुनिया को वास्तविकता में बदलने का प्रयास करें।" समाजसेवी संदीप सेठ ने कहा कि "बच्चे समाज की सबसे अनमोल पूंजी हैं। उनके भीतर सकारात्मक ऊर्जा और सीखने की अद्भुत क्षमता होती है।
इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष कृष्ण कुमार मिश्र, शिवांशु श्रीवास्तव, राजीव साहू, संजय जायसवाल, सैयद शम्स अब्बास सहित तमाम लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का समापन बच्चों की मुस्कुराहटों और बाल दिवस की शुभकामनाओं के साथ हुआ। कार्यक्रम संयोजक सैयद शम्स अब्बास और सचिव डॉ. बृजेश कन्नौजिया (ईएनटी) ने अतिथियों का आभार प्रकट करते हुये बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना भी किया।
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