राकेश शर्मा @ खेतासराय, जौनपुर। श्रीराम जानकी मन्दिर ठाकुरद्वारा भारती विद्यापीठ के वार्षिकोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के चतुर्थ दिन भक्ति एवं श्रद्धा का वातावरण बना रहा। कार्यक्रम का शुभारंभ भारती विद्यापीठ के संरक्षक एवं यजमान अनिल उपाध्याय द्वारा पूज्य वैद्य जी वासुदेव मिश्र की प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा मंदिर में विराजमान समस्त देवी-देवताओं के विधिवत पूजन-अर्चन के साथ किया गया। इस अवसर पर यजमान के रूप में शशिभूषण मिश्र, सुनील बरनवाल, सुभाष अस्थाना, धर्मचंद गुप्त सहित अन्य श्रद्धालुओं ने पूजन में सहभागिता किया।
कथा व्यास आचार्य अखिलेश चन्द्र मिश्र ने प्रह्लाद चरित्र का भावपूर्ण वर्णन करते हुए कहा कि भगवान के भक्त का अहित करने वाला अंततः स्वयं ही नष्ट हो जाता है। जैसा कि होलिका-प्रह्लाद प्रसंग में स्पष्ट है। उन्होंने राजा बलि की दानशीलता का उल्लेख करते हुए कहा कि बलि का दान त्याग, समर्पण और बलिदान का पर्याय बन गया है। कृष्ण जन्मोत्सव की कथा के दौरान आचार्य मिश्र ने कहा कि जब-जब पृथ्वी पर अत्याचार, अनाचार और पापाचार बढ़ता है तथा धर्म पर कुठाराघात होता है तब देव, गौ और ब्राह्मणों की रक्षा के लिए भगवान का प्राकट्य होता है। प्रभु धर्म की रक्षा हेतु राम, कृष्ण, वामन, कपिल तथा भविष्य में कल्कि के रूप में अवतार धारण करते हैं। कथा श्रवण के लिए नगर सहित ग्रामीण अंचल से बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।इस अवसर पर भारती विद्यापीठ के प्राचार्य विनय सिंह, प्रधानाचार्या सुनीता मिश्रा, सफिया खान, विभा पाण्डेय, मनीष गुप्ता (धर्मरक्षक), प्रधानाचार्य दिनेश गुप्ता सहित तमाम छात्र-छात्राएं मौजूद रहीं।
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