जौनपुर सिटी : धर्म परिवर्तन का मामला 260 पादरियों समेत 271 पर मुकदमा

जौनपुर। जिले के चंदवक थाने की पुलिस ने बुधवार को छल से सनातन धर्म से ईसाई धर्म में परिवर्तन करने के आरोप में केंद्र के संचालक दुर्गा प्रसाद यादव समेत 271 के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। अधिवक्ता बृजेश सिंह ने धारा 156/3 के तहत अदालत में प्रार्थना पत्र देकर दुर्गा यादव, कीरित राय, जितेंद्र सहित चार जिलों के 260 पादरी तथा 8 युवतियों के खिलाफ सनातन धर्म के खिलाफ प्रचार करने, लालच व बहला-फुसला कर ईसाई बनाने का आरोप लगाया था। कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस विवेचना में जुट गई है।

गौरतलब हो कि जिले के पूर्वी छोर पर स्थित आजमगढ़, वाराणसी व गाजीपुर जिले की सीमा पर डोभी का इलाका धर्मांतरण के जाल में जकड़ता जा रहा है। इस इलाके के भूलनडीह गांव में सक्रिय ईसाई मिशनरी ने महज 11 वर्षों में जनपद सहित अन्य तीन जिलों के 250 गांव में अपना नेटवर्क फैला दिया है। इसके बाद दस हजार से अधिक अनुयायी हो चुके हैं। यहां प्रत्येक रविवार व मंगलवार को विशाल प्रार्थना सभा होती है। इसमें कुछ भावनात्मक संदेशों के साथ प्रभु यीशु का गुणगान किया जाता है तथा हलेलुइया-हलेलुइया का नारा रटाया जाता है। जटिल रोगों व प्रेतबाधा से मुक्ति के नाम पर लोगों को आकर्षित किया जाता है। इस बात का विश्वास दिलाया जाता है कि इसाईयत की ओर आने पर आत्मा शुद्ध हो जाती है। पिछले सारे पाप और कर्मकांड पीछे छूट जाते हैं। ये बातें सुन इंसान का हृदय परिवर्तन हो जाता है। 



धर्मांतरण के इस मकडज़ाल को करीब से जानने के लिए हमें थोड़ा पीछे जाना होगा। भूलनडीह गांव निवासी और अब इस चर्च के मुख्य पादरी व संचालक दुर्गा यादव किसी घातक रोग से वर्ष 2001 में ग्रसित हो गए। काफी उपचार के बाद भी उन्हें मुक्ति नहीं मिली। 2007 में वे ठीक होकर मुंबई से गांव आए तो उनकी सोच एकदम बदल चुकी थी और वे प्रभु यीशु को तमाम संदेशों के साथ धन्यवाद देते। यहीं से दुर्गा यादव ने इसका विस्तार अपने ही परिवार से शुरू किया। फिर एक-एक कर वह लोगों को जोड़ते चले गए। इसका प्रभाव बढय़ापार और उमरी गांव में बढ़ता गया। बढय़ापार के सौ में 95 तो उमरी के 400 में से 175 घरों के लोग ईसाइयत के वशीभूत हो गए। अब तक महज डोभी और केराकत इलाके में इनके 12 छोटे-छोटे प्रार्थना स्थल बन चुके हैं। 
वर्ष 2014 में क्रिसमस के दिन करीब सात हजार लो जुटे तो उनमें से काफी को क्रास के निशान वाली ताबीज और बाइबिल भेंट की गई। इसके बाद से हर वर्ष लगातार अनुयायियों की संख्या बढ़ती चली गई। अब हाल ये है कि क्रिसमस डे के एक सप्ताह पहले से ही उत्सव का माहौल शुरू होता है जो निरंतर बढ़ता जा रहा है। एलआइयू के उपनिरीक्षक एसके पांडेय ने बताया कि मिशनरी की हर गतिविधि की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी जाती है। इधर बीच जो कुछ चल रहा है उससे सभी बड़े अधिकारी अवगत हैं।
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