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Jaunpur Live : चिकित्सक का दावा, खुरपका नहीं फूटराट की चपेट मे हैं मवेशी

खुटहन, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के बड़नपुर गांव में खुर में हुए घाव से पीडि़त चल रहे लगभग डेढ़ दर्जन मवेशियों के उपचार में जुटे चिकित्साधिकारी डॉ. चन्द्रभान का दावा हैं कि यह खुरपका रोग नहीं बल्कि एक नया वायरल इन्फेक्शन रोग है। जिसे चिकित्सकीय पद्धति में फूट राट  (विवज तवज) नाम दिया गया है। इस रोग का अभी तक कोई टीका इजाद नहीं हो सका है। जिसके चलते इस पर नियंत्रण में काफी वक्त लग जाता है। इससे पीडि़त मवेशियों को कीचड़ से दूर रख घाव की साफ-सफाई ही इसका मुख्य उपचार है।



उपचार कर रहे चिकित्सक का कहना हैं कि अब तक इस रोग की जद में क्षेत्र के लवायन, अहीर खेतार, जमोहरा और बीरी सहित आधा दर्जन गांवों के सौ से अधिक मवेशी आ चुके है। जिनका उपचार किया जा चुका है। बड़नपुर गांव मे भी कई किसानों के लगभग डेढ़ दर्जन मवेशी पीडि़त चल रहे है। ये सभी मवेशी फूटराट बीमारी की चपेट में है। यह नया वायरल बीमारी होने के चलते इसके नियंत्रण में अपेक्षात समय अधिकतर लग जाता है।
डा. चन्द्रभान का दावा है कि खुरपका, मुंहपका रोग की चपेट में आये मवेशी के पहले मुंह में छाले उसके बाद खुर में भी छाले पड़ने लगते है। इसमें खुर में घाव भी नहीं होता जबकि यह जो वायरल बीमारी है, इसमें मवेशियों के खुर में रिंग टाइप के गहरे घाव बनने लगते है जो खुरपका का लक्षण कदापि नहीं हो सकता। इसके अलावा उनका दावा है कि प्रभावित सभी गावों मे मवेशियों को खुरपका, मुँहपका का शत-प्रतिशत टीकाकरण गत मार्च माह में किया गया था। एक पखवाड़े पूर्व भी सभी मवेशियों को टीका लगाया जा चुका है। इसके बाद भी यह रोग होना नामुमकिन ही नहीं असंभव है। फिलहाल जितने भी मवेशी इस नये रोग की जद में है। उनका उपचार पूरे मनोयोग से किया जा रहा है।

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