महराजगंज, जौनपुर। एक सप्ताह पहले बुखार से पीड़ित भोगीपुरकठार गांव के मोहम्मद फारूक अंसारी (53) की गुरूवार सुबह तड़के में इलाहाबाद के एक निजी अस्पताल में मौत हो गयी। परिजन उन्हें अंतिम संस्कार के लिए अपने गांव भोगीपुर कठार महराजगंज ले आये है। मृतक की पत्नी जाहिरा बेगम और पुत्र मोहम्मद शकील अंसारी का कहना हैं कि पिता मोहम्मद फारूक अंसारी की मौत डेंगू बुखार के कारण हुई। फारूक गांव में ही सड़क किनारे सायकिल दुकान चलाते थे। पुत्र शकील ने बताया कि उन्हें एक सप्ताह पहले बुखार होना शुरू हुआ तो पिता को महराजगंज के एक प्राईवेट चिकित्सक चंद्रशेखर सिंह को दिखाया। वहां राहत न मिल पाने पर अमरगढ़ प्रतापगढ़ दिखाया गया वहां भी राहत न मिली तो इलाहाबाद ले जाया गया जहां डाक्टरों ने जांच करवायी जांच में प्लेटलेट बहुत ही कम निकला। प्लेटलेट भी 12 यूनिट चढ़ाया गया फिर भी जान नहीं बच सकी। पत्नी जाहिरा बेहम ने बताया कि डाक्टर ने डेंग बुखार बताया था। मृतक के चार पुत्र और एक पुत्री है जिसमें दो पुत्र विवाहित है और सभी अविवाहित है। गांव के पूर्व प्रधान काजू जमील अंसारी साहउल्ला ने बताया कि डेंगू बुखार से मौत हुई लेकिन स्वास्थ्य विभाग की टीम कभी गांव में दवा छिडकाव तक नहीं करायी। वहीं वर्तमान प्रधान मोहम्मद माशूक का कहना हैं कि फारूक अंसारी की मौत ब्रेन हैम्रेज से हुई है यही उनके परिजनों ने मुझे बताया था।
सुरेरी में भी एक अधेड़ की मौत डेंगू से हुई है।
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