राजापुर गांव में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन
बरसठी, जौनपुर। श्रीमद्भागवत कथा सुनने का अवसर जन्म जन्मांतर के पुण्य से ही प्राप्त होता है। इस कलयुग में मनुष्य को इस कथा के सुनने मात्र से ही बैकुण्ठ की प्राप्ति होती है। यह बातें बरसठी के राजापुर गांव में पं. दिनेश तिवारी के यहां चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के पहले दिन श्रीकृष्णाचार्य महाराज कथा के दौरान उपस्थितभक्तों को कथा के बारे में बताते हुए कहा।
श्रीकृष्णाचार्य जी ने शुत जी के कथा का वर्णन करते हुए कहा कि जब राजा परीक्षित को सात दिन में ही मृत्यु का शाप लगा था। तब श्रीमद्भाभागवत कथा श्री शुत जी परीक्षित को सुनाने लगे कथा सुनने के लिए खुद देवताओं ने भी शुत जी के पास पहुंचकर कथा सुनने का आग्रह किया। देवता अमृत कलश लेकर आये और राजा परीक्षित को पिला देने को कहा और कथा सुनने का आग्रह किया लेकिन शुत जी ने देवताओं के आग्रह को दरकिनार करते हुए राजा को श्रीमद्भाभागवत कथा सुनाया। राजा परीक्षित के कथा सुनने के बाद उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई। श्रीमद्भागवत कथा सुनने आये सभी श्रद्धालुओं को आयोजक इंद्रेश तिवारी, आशीष, विनय, विकास ने धन्यवाद दिया। कथा में गुलाब तिवारी, राजा तिवारी, मनोज सिंह, संतोष तिवारी, अनीता तिवारी, रामशिव पाण्डेय, हीरा पाण्डेय, शिवमंगल पटेल, देवेन्द्र श्रीवास्तव, माताबदल तिवारी सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।
Credit - Chetan Singh
बरसठी, जौनपुर। श्रीमद्भागवत कथा सुनने का अवसर जन्म जन्मांतर के पुण्य से ही प्राप्त होता है। इस कलयुग में मनुष्य को इस कथा के सुनने मात्र से ही बैकुण्ठ की प्राप्ति होती है। यह बातें बरसठी के राजापुर गांव में पं. दिनेश तिवारी के यहां चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के पहले दिन श्रीकृष्णाचार्य महाराज कथा के दौरान उपस्थितभक्तों को कथा के बारे में बताते हुए कहा।
श्रीकृष्णाचार्य जी ने शुत जी के कथा का वर्णन करते हुए कहा कि जब राजा परीक्षित को सात दिन में ही मृत्यु का शाप लगा था। तब श्रीमद्भाभागवत कथा श्री शुत जी परीक्षित को सुनाने लगे कथा सुनने के लिए खुद देवताओं ने भी शुत जी के पास पहुंचकर कथा सुनने का आग्रह किया। देवता अमृत कलश लेकर आये और राजा परीक्षित को पिला देने को कहा और कथा सुनने का आग्रह किया लेकिन शुत जी ने देवताओं के आग्रह को दरकिनार करते हुए राजा को श्रीमद्भाभागवत कथा सुनाया। राजा परीक्षित के कथा सुनने के बाद उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई। श्रीमद्भागवत कथा सुनने आये सभी श्रद्धालुओं को आयोजक इंद्रेश तिवारी, आशीष, विनय, विकास ने धन्यवाद दिया। कथा में गुलाब तिवारी, राजा तिवारी, मनोज सिंह, संतोष तिवारी, अनीता तिवारी, रामशिव पाण्डेय, हीरा पाण्डेय, शिवमंगल पटेल, देवेन्द्र श्रीवास्तव, माताबदल तिवारी सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।
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