जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के संकाय भवन में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की मंगलवार को जयंती मनायी गयी। इस अवसर पर वित्त अधिकारी एमके सिंह ने पंडित उपाध्याय की मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर नमन किया। संकाय भवन के कांफ्रेंस हाल में गोष्ठी का आयोजन किया गया। दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ के अध्यक्ष प्रोफेसर मानस पांडेय ने कहा कि राष्ट्र को पंडित जी ने जीव के रुप में माना था। उनका मानना था कि राष्ट्र भी शरीर, मन, आत्मा और बुद्धि से ही चलता है। इसका समन्वय ही मानव एकात्मवाद कहलाता है। देश के विकास में पूंजीवाद और साम्यवाद की अवधारणा से हटकर पंडित दीनदयाल जी का दर्शन ही उपयुक्त है। वंचितों को भी मुख्यधारा से जोड़ता है।
मानव संसाधन विभाग के अध्यक्ष प्रो. अविनाश पाथर्डीकर ने कहा कि सतत विकास की अवधारणा ही मानव एकात्मवाद का मूलमंत्र है। गोष्ठी संचालन प्रो. अजय द्विवेदी ने किया। इस अवसर पर प्रो. बीडी शर्मा, डॉ. मनोज मिश्र, डॉ. सुरजीत यादव, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. आशुतोष सिंह, डॉ. अवध बिहारी सिंह, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. मनोज पांडेय, नितिन चौहान समेत विद्यार्थी उपस्थित रहे।
मानव संसाधन विभाग के अध्यक्ष प्रो. अविनाश पाथर्डीकर ने कहा कि सतत विकास की अवधारणा ही मानव एकात्मवाद का मूलमंत्र है। गोष्ठी संचालन प्रो. अजय द्विवेदी ने किया। इस अवसर पर प्रो. बीडी शर्मा, डॉ. मनोज मिश्र, डॉ. सुरजीत यादव, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. आशुतोष सिंह, डॉ. अवध बिहारी सिंह, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. मनोज पांडेय, नितिन चौहान समेत विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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