- दिनेश टण्डन की अपील का नहीं दिखा कोई खास असर
जौनपुर।
जिला उद्योग व्यापार मंडल द्वारा जीएसटी, एफडीआई, मंडी शुल्क, आयकर, सैमपुलिंग विभाग व ऑनलाइन ट्रेडिंग से आ रही जटिलताओं के विरोध में 28 सितम्बर को जौनपुर बंद का आह्वान लगभग सफल रहा। शहर क्षेत्र के अधिकतर दुकानें बंद रहीं वहीं कुछ दुकानदार अपनी दुकानें आधा खोले तो आधा बंद रखे थे। ओलंदगंज, जोगियापुर, जहांगीराबाद, चहारसू, कोतवाली, जेसीज, पॉलिटेक्निक, रुहट्टा, सिपाह आदि क्षेत्रों में अधिकतर दुकानें बंद पायी गयी। सुबह से ही व्यापार मंडल के पदाधिकारी वाहन जुलूस निकालकर जिंदाबाद, मुर्दाबाद के नारे लगाते रहे। वहीं दवा व्यापारियों ने अपनी दुकानें पूर्ण रुप से बंद रखी।
जिला उद्योग व्यापार मंडल के प्रांतीय उपाध्यक्ष एवं जिलाध्यक्ष इंद्रभान सिंह इंदू के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल डीएम से मिला और उन्हें प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा। व्यापार मंडल की मांग है कि जीएसटी के अंतर्गत दो दरों, जेल व जुर्माना में संशोधन किया जाय, जीएसटी में 5 प्रतिशत व 16 प्रतिशत की दर हो, जुर्माना 10 हजार से अधिक न हो, जेल का प्राविधान समाप्त हो, पंजीकृत व्यापारियों का उ.प्र की तर्ज पर 10 लाख का दुर्घटना बीमा हो तथा व्यापारियों को टैक्स कलेक्टर के रुप में पेंशन की व्यवस्था, मंडी शुल्क पूरे देश में समाप्त किया जाय, ऑनलाइन ट्रेडिंग की व्यवस्था समाप्त की जाय, आयकर में छूट की सीमा पाँच लाख तथा धारा 80 सी के अंतर्गत छूट की सीमा 1.5 लाख से 2.5 लाख की जाय, देश में पत्थर व लकड़ी पर लागू वन विभाग के टैक्स को समाप्त किया जाय, खाद्य सुरक्षा अधिनियम में जुर्माना अधिकतम 10 हजार हो खाद्य कानून के मानक वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार पुन: निर्धारित किये जाय, खाद्यान्न एवं जरुरी वस्तुओं को वायदा कारोबार से बाहर रखा जाये। इस दौरान महामंत्री आरिफ हबीब, शकील अहमद समेत दर्जनों पदाधिकारी मौजूद रहे।
दिनेश टण्डन की अपील का नहीं दिखा कोई खास असर
जौनपुर उद्योग व्यापार मंडल की बैठक गुरुवार को हुई थी जिसमें अध्यक्ष दिनेश टण्डन ने 28 को दवा की दुकानों को छोड़ सभी दुकानों को खोले रखने की अपील की थी लेकिन इसका बहुत ज्यादा असर देखने को नहीं मिला। कुछ ही दुकानें खुली थी बाकी दुकानें या तो पूर्णतया बंद थी या आधी खुली थी।
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