मोहम्मद हसन पीजी कालेज के पत्रकारिता विभाग में हुई गोष्ठी
जौनपुर। मोहम्मद हसन पीजी कालेज में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा गुरुवार को संचार शोध एवं इलेक्ट्रॉनिक माध्यम विषयक संगोष्ठी का आयोजन हुआ। इस मौके पर बतौर मुख्य वक्ता माखन लाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय भोपाल मध्य प्रदेश से पधारे मुख्य अतिथि प्रो. श्रीकांत सिंह ने कहा कि मुद्रित माध्यम ही इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारिता की बुनियाद है।
कहा कि आज जो भी पत्रकार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में शीर्षस्थ हैं वे पहले अखबार एवं पत्रिकाओं में कार्य कर चुके हैं। प्रिंट मीडिया में बेहतर संवाद लेखन, चिंतन एवं विचार होते है। प्रिंट मीडिया में प्रकाशित खबर को साक्ष्य के रुप में प्रस्तुत किया जा सकता है। इसका संग्रह आसानी से किया जा सकता है जबकि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में इसका अभाव है। प्रो. सिंह ने संवाददाता की चुनौतियों, समस्याओं एवं उत्तरादायित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संवाददाता को निर्भीक, निष्पक्ष, प्रमाणिक एवं सत्यता के साथ रिपोर्टिंग करनी चाहिए। इसके लिए संवाददाता में पैनी दृष्टि समाचार की समझ, विश्वसनीयता, जनसम्पर्क एवं वकील आदि के गुण होने चाहिए। झुठी अफवाहें एवं सनसनीखेज, देश की एकता और अखंडता को क्षति पहुंचाने वाली चीजों से दूर रहना चाहिए। साम्प्रदायिक रिपोर्टिंग, संसदीय रिपोर्टिंग आदि करते समय पत्रकारिता के आचार संहिता को ध्यान में रखना चाहिए। संगोष्ठी की अध्यक्ष प्राचार्य डॉ. अब्दुल कादिर खां एवं संचालन सायमा खान ने किया। इस मौके पर विभाग के प्राध्यापक श्याम नारायण पाण्डेय ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया। इस अवसर पर डॉ. दयानंद उपाध्याय, डॉ. रशिद, डॉ. निलेश सिंह, डॉ. अमित जायसवाल, संतोष यादव, निशार अहमद, संजय सोनकर, रिजवान अहमद, सृष्टि सिंह, रविकांत, जूली, जूही, नुशरत, मो. यासीन, अतुल, सोहराब, विनय शुक्ल अफरोज आदि उपस्थित रहे।
जौनपुर। मोहम्मद हसन पीजी कालेज में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा गुरुवार को संचार शोध एवं इलेक्ट्रॉनिक माध्यम विषयक संगोष्ठी का आयोजन हुआ। इस मौके पर बतौर मुख्य वक्ता माखन लाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय भोपाल मध्य प्रदेश से पधारे मुख्य अतिथि प्रो. श्रीकांत सिंह ने कहा कि मुद्रित माध्यम ही इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारिता की बुनियाद है।
कहा कि आज जो भी पत्रकार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में शीर्षस्थ हैं वे पहले अखबार एवं पत्रिकाओं में कार्य कर चुके हैं। प्रिंट मीडिया में बेहतर संवाद लेखन, चिंतन एवं विचार होते है। प्रिंट मीडिया में प्रकाशित खबर को साक्ष्य के रुप में प्रस्तुत किया जा सकता है। इसका संग्रह आसानी से किया जा सकता है जबकि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में इसका अभाव है। प्रो. सिंह ने संवाददाता की चुनौतियों, समस्याओं एवं उत्तरादायित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संवाददाता को निर्भीक, निष्पक्ष, प्रमाणिक एवं सत्यता के साथ रिपोर्टिंग करनी चाहिए। इसके लिए संवाददाता में पैनी दृष्टि समाचार की समझ, विश्वसनीयता, जनसम्पर्क एवं वकील आदि के गुण होने चाहिए। झुठी अफवाहें एवं सनसनीखेज, देश की एकता और अखंडता को क्षति पहुंचाने वाली चीजों से दूर रहना चाहिए। साम्प्रदायिक रिपोर्टिंग, संसदीय रिपोर्टिंग आदि करते समय पत्रकारिता के आचार संहिता को ध्यान में रखना चाहिए। संगोष्ठी की अध्यक्ष प्राचार्य डॉ. अब्दुल कादिर खां एवं संचालन सायमा खान ने किया। इस मौके पर विभाग के प्राध्यापक श्याम नारायण पाण्डेय ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया। इस अवसर पर डॉ. दयानंद उपाध्याय, डॉ. रशिद, डॉ. निलेश सिंह, डॉ. अमित जायसवाल, संतोष यादव, निशार अहमद, संजय सोनकर, रिजवान अहमद, सृष्टि सिंह, रविकांत, जूली, जूही, नुशरत, मो. यासीन, अतुल, सोहराब, विनय शुक्ल अफरोज आदि उपस्थित रहे।
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