Jaunpur Live News Network
जौनपुर लाइव न्यूज नेटवर्क
जौनपुर। मनुष्य अपने निजी जीवन में स्वतंत्र होता है, मनुष्य अद्वितीय होता है उसे विकास करने का मौका मिलना चाहिए। किसी भी देश या समाज का विकास तभी हो सकता है जब अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचे। अंतिम व्यक्ति का विकास ही राष्ट्र का विकास माना जाता हैं। यह बातें वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के समन्वयक राष्ट्रीय सेवा योजना डॉ. राकेश कुमार यादव ने कही। वह राजा श्रीकृष्ण दत्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय में शुक्रवार को राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वाधान में पं. दीनदयाल उपाध्याय जन्मशती वर्ष (एकात्म मानववाद) के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि व्यक्ति व्यक्ति से जुड़ा हुआ एक घेरा एक परिवार है। परिवार से समाज है समाज से राष्ट्र है फिर विश्व है। इनमें कोई संघर्ष नहीं हैं। व्यक्ति की पहचान उसके कर्मों से होती न कि लम्बे चौड़े वक्तव्य से। पं. उपाध्याय एक मानव के सम्पूर्ण सृष्टि से संबंध पर व्यापक दृष्टि कोण रखने का विचार समझते थे। वे मानव को विभाजित करके देखने के पक्षधर नहीं थे। यही उनका एकात्म मानववाद का दर्शन है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. विष्णुचन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि व्यक्ति-व्यक्ति में भेदभाव उचित नहीं हैं। सम्पूर्ण मानव एक दूसरे से जुड़े हुए है। देश का अति गरीब व्यक्ति जब तक खुशहाल नहीं होगा तब तक राष्ट्र का विकास नहीं हो सकता है। जब तक व्यक्ति की पूंजी व जन की पंूजी नहीं बनती तब तक राष्ट्र निर्माण नहीं हो सकता।
इसके पूर्व विविध प्रतियोगिता रंगोली सजाओ, मेंहदी रचाओ, भाषण, वाद-विवाद और पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। रंगोली प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर ग्रुप 4 (आकांक्षा मौर्या), द्वितीय स्थान पर ग्रुप 3 (जया विश्वकर्मा) एवं तृतीय स्थान पर ग्रुप 2 (अजीत बिन्द) रहे। मेंहदी प्रतियोगिता में आफिया रिमसा प्रथम, अमीना उस्मानी द्वितीय व सपना मौर्या तृतीय स्थान पर रही। निबन्ध प्रतियोगिता में स्वाती मौर्या प्रथम, मारिया शाहिद द्वितीय व आकाश कुमार कन्नौजिया तृतीय स्थान प्राप्त किये। पोस्टर प्रतियोगिता में रिया मौर्या प्रथम व प्रतिष्ठा मौर्या द्वितीय स्थान पर भाषण प्रतियोगिता में पूजा मौर्या प्रथम व वाद-विवाद प्रतियोगिता धर्मेन्द्र प्रजापति प्रथम स्थान पर रहे।
संगोष्ठी में डॉ. मयानन्द उपाध्याय, डॉ. अवधेश द्विवेदी व डॉ. आरपी ओझा ने भी अपना विचार व्यक्त किया। निर्णायक मण्डल के रूप में डॉ. ज्योत्सना श्रीवास्तव, डॉ. अनामिका सिंह, डॉ. नीता सिंह, डॉ. अनीता सिंह, डॉ. सुनीता गुप्ता, डॉ. गुंजन मिश्रा, डॉ. अभय प्रताप सिंह, डॉ. आरपी ओझा, डॉ. विजय बहादुर यादव, डॉ. ओमप्रकाश दुबे, डॉ. चन्द्राम्बुज कश्यप, डॉ. मनोज कुमार तिवारी, डॉ. अजय कुमार मिश्रा, डॉ. सुशील कुमार गुप्ता अखिलेश कुमार गौतम रहे। आयोजन समिति के सदस्यों ने सभी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए बधाई दिया। कार्यक्रम अधिकारी डॉ. विजय प्रताप तिवारी ने इस सहयोग के लिए सभी के प्रति हदय से आभार प्रकट किया। संचालन वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ. संतोष कुमार पाण्डेय ने किया।
इस अवसर पर डॉ. मनोज कुमार वत्स, निशीथ कुमार सिंह, डॉ. गंगाधर शुक्ला, डॉ. धर्म कुमार साहू, डॉ. अनुराग मिश्र, सुधाकर मौर्य, रामफेर यादव, संजय सिंह ओमप्रकाश संतोष शुक्ला रामसागर राजपथ प्रतिनिधि सत्यम सुन्दरम मौर्य, आनन्द मौर्या, ब्राहमयज्ञ मिश्रा व सैफ खान उपस्थित रहे।
जौनपुर लाइव न्यूज नेटवर्क
जौनपुर। मनुष्य अपने निजी जीवन में स्वतंत्र होता है, मनुष्य अद्वितीय होता है उसे विकास करने का मौका मिलना चाहिए। किसी भी देश या समाज का विकास तभी हो सकता है जब अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचे। अंतिम व्यक्ति का विकास ही राष्ट्र का विकास माना जाता हैं। यह बातें वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के समन्वयक राष्ट्रीय सेवा योजना डॉ. राकेश कुमार यादव ने कही। वह राजा श्रीकृष्ण दत्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय में शुक्रवार को राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वाधान में पं. दीनदयाल उपाध्याय जन्मशती वर्ष (एकात्म मानववाद) के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि व्यक्ति व्यक्ति से जुड़ा हुआ एक घेरा एक परिवार है। परिवार से समाज है समाज से राष्ट्र है फिर विश्व है। इनमें कोई संघर्ष नहीं हैं। व्यक्ति की पहचान उसके कर्मों से होती न कि लम्बे चौड़े वक्तव्य से। पं. उपाध्याय एक मानव के सम्पूर्ण सृष्टि से संबंध पर व्यापक दृष्टि कोण रखने का विचार समझते थे। वे मानव को विभाजित करके देखने के पक्षधर नहीं थे। यही उनका एकात्म मानववाद का दर्शन है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. विष्णुचन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि व्यक्ति-व्यक्ति में भेदभाव उचित नहीं हैं। सम्पूर्ण मानव एक दूसरे से जुड़े हुए है। देश का अति गरीब व्यक्ति जब तक खुशहाल नहीं होगा तब तक राष्ट्र का विकास नहीं हो सकता है। जब तक व्यक्ति की पूंजी व जन की पंूजी नहीं बनती तब तक राष्ट्र निर्माण नहीं हो सकता।
इसके पूर्व विविध प्रतियोगिता रंगोली सजाओ, मेंहदी रचाओ, भाषण, वाद-विवाद और पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। रंगोली प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर ग्रुप 4 (आकांक्षा मौर्या), द्वितीय स्थान पर ग्रुप 3 (जया विश्वकर्मा) एवं तृतीय स्थान पर ग्रुप 2 (अजीत बिन्द) रहे। मेंहदी प्रतियोगिता में आफिया रिमसा प्रथम, अमीना उस्मानी द्वितीय व सपना मौर्या तृतीय स्थान पर रही। निबन्ध प्रतियोगिता में स्वाती मौर्या प्रथम, मारिया शाहिद द्वितीय व आकाश कुमार कन्नौजिया तृतीय स्थान प्राप्त किये। पोस्टर प्रतियोगिता में रिया मौर्या प्रथम व प्रतिष्ठा मौर्या द्वितीय स्थान पर भाषण प्रतियोगिता में पूजा मौर्या प्रथम व वाद-विवाद प्रतियोगिता धर्मेन्द्र प्रजापति प्रथम स्थान पर रहे।
संगोष्ठी में डॉ. मयानन्द उपाध्याय, डॉ. अवधेश द्विवेदी व डॉ. आरपी ओझा ने भी अपना विचार व्यक्त किया। निर्णायक मण्डल के रूप में डॉ. ज्योत्सना श्रीवास्तव, डॉ. अनामिका सिंह, डॉ. नीता सिंह, डॉ. अनीता सिंह, डॉ. सुनीता गुप्ता, डॉ. गुंजन मिश्रा, डॉ. अभय प्रताप सिंह, डॉ. आरपी ओझा, डॉ. विजय बहादुर यादव, डॉ. ओमप्रकाश दुबे, डॉ. चन्द्राम्बुज कश्यप, डॉ. मनोज कुमार तिवारी, डॉ. अजय कुमार मिश्रा, डॉ. सुशील कुमार गुप्ता अखिलेश कुमार गौतम रहे। आयोजन समिति के सदस्यों ने सभी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए बधाई दिया। कार्यक्रम अधिकारी डॉ. विजय प्रताप तिवारी ने इस सहयोग के लिए सभी के प्रति हदय से आभार प्रकट किया। संचालन वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ. संतोष कुमार पाण्डेय ने किया।
इस अवसर पर डॉ. मनोज कुमार वत्स, निशीथ कुमार सिंह, डॉ. गंगाधर शुक्ला, डॉ. धर्म कुमार साहू, डॉ. अनुराग मिश्र, सुधाकर मौर्य, रामफेर यादव, संजय सिंह ओमप्रकाश संतोष शुक्ला रामसागर राजपथ प्रतिनिधि सत्यम सुन्दरम मौर्य, आनन्द मौर्या, ब्राहमयज्ञ मिश्रा व सैफ खान उपस्थित रहे।
Tags
Jaunpur