जौनपुर, 06 अक्टूबर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के अवेद्यनाथ संगोष्ठी भवन में शनिवार को सात दिवसीय श्री राम कथा में चौथे दिन श्री राम कथा में श्रोता राम कथा सुन भाव विभोर हुए।
श्री राम कथा में प्रख्यात कथा वाचक श्री शांतनु जी महाराज ने कहा कि राधा कृष्ण का प्रेम अलौकिक प्रेम है। आज के प्रेम की तुलना राधा कृष्ण के प्रेम से नहीं की जा सकती। भक्त और भगवान का प्रेम अद्भुत होता है। उन्होंने मिथिला, चित्रकूट, अयोध्या और लंका के नागरिकों के चरित्र नक वर्णन किया। कहा कि यह अंत:करण चतुष्ट मन, चित्त, बुद्धि तथा अभिमान का प्रतिनिधित्व करते है। व्यास पीठ का पूजन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डॉ. राजाराम यादव, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो राणा कृष्ण पाल सिंह, प्रो केपी सिंह, प्रो बीबी तिवारी, वित्त अधिकारी एके सिंह, अमलदार यादव, राजेश जैन, डॉ. सुशील सिंह, विद्यार्थी ऋतु श्रीवास्तव, पूजा साहू, महेंद्र शर्मा, रजत गुप्ता आदि ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मनोज मिश्र ने किया।
श्री राम कथा में प्रख्यात कथा वाचक श्री शांतनु जी महाराज ने कहा कि राधा कृष्ण का प्रेम अलौकिक प्रेम है। आज के प्रेम की तुलना राधा कृष्ण के प्रेम से नहीं की जा सकती। भक्त और भगवान का प्रेम अद्भुत होता है। उन्होंने मिथिला, चित्रकूट, अयोध्या और लंका के नागरिकों के चरित्र नक वर्णन किया। कहा कि यह अंत:करण चतुष्ट मन, चित्त, बुद्धि तथा अभिमान का प्रतिनिधित्व करते है। व्यास पीठ का पूजन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डॉ. राजाराम यादव, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो राणा कृष्ण पाल सिंह, प्रो केपी सिंह, प्रो बीबी तिवारी, वित्त अधिकारी एके सिंह, अमलदार यादव, राजेश जैन, डॉ. सुशील सिंह, विद्यार्थी ऋतु श्रीवास्तव, पूजा साहू, महेंद्र शर्मा, रजत गुप्ता आदि ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मनोज मिश्र ने किया।
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