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जौनपुर लाइव न्यूज नेटवर्क
खेतासराय, जौनपुर। एक तरफ सरकार जहां अनेक कारणों से भारत में कुछ मछलियों पर क्रय-विक्रय पर रोक लगा रखा है वहीं विभागीय अधिकारियों के प्रोत्साहन पर यहां बैठे जिम्मेदार द्वारा इन मछलियों की बिक्री जोर शोर से बेखौफ तरीके से की जा रही है। गौरतलब हो कि ब्रिागेड, मांगुर समेत कुछ मछलियों की बिक्री पर भारत सरकार ने रोक लगा रखा है जिसका मुख्य कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता को घटाना, कैंसर कारक होना है लेकिन गूजरताल पर जहां प्रतिबंधित मछली ब्रिागेड को वर्तमान में फिंगर साइज मछली की बिक्री 120 रुपया सैकड़ा के हिसाब से रसीद काटी जा रही है तो पालकों से 250 रुपये के हिसाब से लिया जा रहा है। वहीं ग्रास की परमिशन न होने के बाद भी इसे यहां के अधिकारियों द्वारा बेचा जा रहा है। यहां रोहू, भाकुर, नैन फिंगर साइज बेचने का परमिशन है जबकि पाँच लाख से अधिक ब्रिागेड के बच्चे हैं जिनमें से प्रतिदिन बिक्री की जा रही है। इसके अलावा सात नम्बर तालाब में 20 कुंतल से अधिक ब्राूडर है जबकि पेपर पर 10 कुंतल दर्शाया गया है। इन सबके अतिरिक्त स्पान को 120 रुपये के बजाय 140 रुपये में बिक्री की गई। ऐसे में लक्ष्य तो पूरा कर लिया गया लेकिन मत्स्य पालकों को काफी पलीता लगाया गया। इस बाबत एक मत्स्य पालक ने बातचीत का ऑडियो टेप कर लिया। इस संबंध में मत्स्य पालक अनिल, चन्दर, प्रकाश आदि ने कहा कि हमें ऊंचे दामों पर गुजरताल से मछली मिल रही है जबकि रसीद कम की दी जाती है। इस संबंध में मत्स्य निरीक्षक गूजरताल सुदामा प्रसाद ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है।
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