- श्रीमद्भागवत कथा के प्रथम दिन स्वामी जी ने दिया प्रवचन
Jaunpur Live News Network
जौनपुर लाइव न्यूज नेटवर्क
सुजानगंज/बरईपार, जौनपुर। सुजानगंज क्षेत्र के साड़ी खुर्द गाँव में शुक्रवार को श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ किया गया। कथा व्यास जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी ने भागवत के अर्थ पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भागवत के अनेक अर्थ है। जहाँ भगवान् का निवास हो, जहाँ भगवान निरंतर विराजमान हो वही भागवत है। जो जीवो की उत्पात्ति, विनाश, गति, अगति आदि के विषय में जनता हो वही भागवत है। भागवत भगवान् और भगवती का व्याख्यान है, भागवत पंचामृत है, जो भगवान का है और स्वयं भगवान ही भागवत है। कथा को सुनने के लिए श्रोता दूर दूर से आये थे। स्वामी जी ने कहा कि मैं अपने इस गाँव साड़ी खुर्द को गोंद लेना चाहता हूँ और इस गाँव की दिशा दशा बदलना चाहता हूँ। मेरी इच्छा है कि पूरे गाँव में प्रत्येक घर शौचालय हो और कोई भी व्यक्ति शौच के लिए बाहर न जाए।
उन्होंने कहा कि मैं साड़ी खुर्द और मिश्रमऊ के गाँव का नाम बदलना चाहता हूँ। जिस पर पूर्व सांसद और संत डॉ रामविलास वेदांती से नाम सुझाने को कहा। वेदांती जी ने कहा कि गाँव का नाम शचीपुरम रख दिया जाय। क्योंकि शची स्वामी जी की मां का नाम था और माँ स्वर्ग से भी बढ़कर होती है। स्वामी जी ने कहा कि मैं आज से ही गाँव का नाम बदलने की क़ानूनी प्रक्रिया में लग जाऊंगा। स्वामी जी ने कहा कि मैं अपना 75वां जन्मदिन अपने इस जन्मस्थली पर ही मनाऊंगा और नौ दिवसीय कथा का आयोजन भी कराया जायेगा। तब तक गाँव की दिशा और दशा बदलना चाहता हूँ। उन्होंने भोजपुरी भाषा में कहा कि तू लोग हमार हया और हम तोहार। उन्होंने कहा कि भागवत में ही विद्वान की असली परीक्षा होती है। कथा के आरम्भ के पूर्व आयोजक रमापति, चंद्रकांत और ओमप्रकाश मिश्र ने स्वामी जी की पूजन अर्चन किया। तमाम लोगो ने माल्यार्पण कर स्वागत भी किया। इस अवसर पर अजय शंकर दुबे, योगेश दुबे, कमलाशंकर मिश्र, रमाकांत चतुर्वेदी सहित अन्य उपस्थित रहे।
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