जौनपुर। मछलीशहर कस्बे में ईद मिलादुन्नबी पूरे जोश व खरोश के साथ मनायी गयी। पूरे कस्बे को दुल्हन की तरह सजाया गया था। अंजुमनों ने रात भर नाते नबी पेश कीं तो फने सिपहगिरी के अखाड़े अपना हुनर दिखाते शाही मस्जिद तक पहुंचे। कस्बा स्थित पार्क पर जलसा कौमी यकजहती का आयोजन हुआ जहां वक्ताओं ने सीरते नबी पर रोशनी डाली। सबसे पहले जश्ने यौमुन्नबी पर एक जलसे का आयोजन शाह असरफ की मस्जिद पर हुआ। शुरूआत कलामे इलाही से इमाम ने किया जिसके बाद उन्होंने हजरत मोहम्मद स.अ.व. की सीरत बयां की। जनरल सेक्रेटरी ने कहा कि कस्बे का यह जुलूस पिछले 62 वर्षों से निकाला जा रहा है जिसमें एक दर्जन स्थानीय सहित आधा दर्जन बाहरी अन्जुमनें भाग लेती हैं। तत्पश्चात तमाम अंजुमन व अखाड़ों को सदर मुस्तफिज खान ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। जुलूस अपने कदीमी रास्तों मौलवी उमर मार्ग से होता हुआ मछलीशहर कस्बे में प्रवेश करके पड़ाव स्थित शाही जामा मस्जिद पहुंचकर जलसे के रूप में तब्दील हो गया। इस दौरान शाही ईदगाह, शाही मस्जिद, शाही बड़ी मस्जिद सहित पूरे कस्बे को विद्युत उपकरणों व झालरों से सजाया गया था। जुलूस के साथ चल रहे विभिन्न जिलों व बैरूनी अंजुमनों ने नाते नबी पढ़ने वाली अंजुमनों की हौसला अफजाई किया। जगह-जगह बने मंच के माध्यम से अंजुमनों को कलाम के अनुसार पुरस्कृत किया गया। इसके अलावा अखाड़ों के उस्तादों को भी उनकी टीम द्वारा दिखाये जाने वाले करतब के आधार पर सम्मानित किया गया। इस अवसर साजिद इकबाल, नसीम अंसारी, गुलनवाज, अफसर अली, सैफ अली, सद्दाम हुसैन, अजवद कासमी, शहनवाज खान, रियाजुल हक सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
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