टीम जौनपुर लाइव
जौनपुर। बख्शा विकास खण्ड के मोहम्मदपुर गांव के प्रधान पर फर्जी जाति प्रमाणपत्र लगाकर प्रधान बनने की शिकायत सही पाए जाने पर डीएम ने शुक्रवार को उन्हें पद से हटा दिया। इसके पूर्व जांच में प्रधान का जाति प्रमाणपत्र निरस्त किया गया था।
मोहम्मदपुर गांव निवासी शिकायतकर्ता मोहम्मद गुलाम डीएम से लिखित शिकायत किया कि गाँव के प्रधान मोहम्मद गुफरान सामान्य जाति से आते है लेकिन गुफरान मुस्लिम रायभाट के नाम से अवैध तरीके से पिछड़ी जाति का जाति प्रमाणपत्र बनवाकर आरक्षित पिछड़ी जाति से चुनाव लड़कर ग्राम प्रधान बन गए। शिकायतकर्ता गुलाम जनसूचना अधिकार के तहत पिछड़ी जाति की सूची मांगी तो पता चला कि मुस्लिम रायभाट पिछड़ी एवं अनुसूचित जाति में अंकित नहीं है। जांच के लिए जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी सहित चार सदस्यीय जांच टीम गठित की गई। जिसमें दोनों पक्षों की दलीलें सुनी गई लेकिन गुफरान उच्च न्यायालय का कोई भी आदेश प्रस्तुत करने में असफल रहे।
जांच टीम द्वारा जिलाधिकारी को रिपोर्ट प्रस्तुत की तो बीते वर्ष 12 दिसम्बर को डीएम ने मोहम्मद गुफरान का जारी अन्य पिछड़ा वर्ग जाति प्रमाणपत्र को निरस्त कर दिया। शिकायतकर्ता ने पुनः डीएम को लिखित शिकायत करते हुए वर्तमान ग्राम प्रधान पद निरस्त करते हुए उचित कानूनी कार्यवाही की मांग की थी। उत्तर प्रदेश पंचायत राज अधिनियम 1947 की धारा 95(1)(छ)(3क) में निहित प्राविधानों के अंतर्गत मोहम्मद गुफरान को प्रधान पद से पद से हटा दिया गया। ब्लॉक मुख्यालय पर डीएम का आदेश मिलते ही क्षेत्र में चर्चाएं शुरू हो गई।
जौनपुर। बख्शा विकास खण्ड के मोहम्मदपुर गांव के प्रधान पर फर्जी जाति प्रमाणपत्र लगाकर प्रधान बनने की शिकायत सही पाए जाने पर डीएम ने शुक्रवार को उन्हें पद से हटा दिया। इसके पूर्व जांच में प्रधान का जाति प्रमाणपत्र निरस्त किया गया था।
DM Arvind Mallapa Bangari |
मोहम्मदपुर गांव निवासी शिकायतकर्ता मोहम्मद गुलाम डीएम से लिखित शिकायत किया कि गाँव के प्रधान मोहम्मद गुफरान सामान्य जाति से आते है लेकिन गुफरान मुस्लिम रायभाट के नाम से अवैध तरीके से पिछड़ी जाति का जाति प्रमाणपत्र बनवाकर आरक्षित पिछड़ी जाति से चुनाव लड़कर ग्राम प्रधान बन गए। शिकायतकर्ता गुलाम जनसूचना अधिकार के तहत पिछड़ी जाति की सूची मांगी तो पता चला कि मुस्लिम रायभाट पिछड़ी एवं अनुसूचित जाति में अंकित नहीं है। जांच के लिए जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी सहित चार सदस्यीय जांच टीम गठित की गई। जिसमें दोनों पक्षों की दलीलें सुनी गई लेकिन गुफरान उच्च न्यायालय का कोई भी आदेश प्रस्तुत करने में असफल रहे।
जांच टीम द्वारा जिलाधिकारी को रिपोर्ट प्रस्तुत की तो बीते वर्ष 12 दिसम्बर को डीएम ने मोहम्मद गुफरान का जारी अन्य पिछड़ा वर्ग जाति प्रमाणपत्र को निरस्त कर दिया। शिकायतकर्ता ने पुनः डीएम को लिखित शिकायत करते हुए वर्तमान ग्राम प्रधान पद निरस्त करते हुए उचित कानूनी कार्यवाही की मांग की थी। उत्तर प्रदेश पंचायत राज अधिनियम 1947 की धारा 95(1)(छ)(3क) में निहित प्राविधानों के अंतर्गत मोहम्मद गुफरान को प्रधान पद से पद से हटा दिया गया। ब्लॉक मुख्यालय पर डीएम का आदेश मिलते ही क्षेत्र में चर्चाएं शुरू हो गई।
Tags
Jaunpur