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बरसठी/जौनपुर :- देश के प्रधानमंत्री मोदी चाहे जितना मेट्रो व बुलेट ट्रेन चलाकर सुगम व विकास राज स्थापित करने का दम्भ भर ले,लेकिन उत्तर प्रदेश के जौनपुर जनपद का बरसठी रेलवे स्टेशन की स्थिति बहुत ही दयनीय है। खासकर बरसात के मौसम में जिसका उदाहरण आए दिन देखने को मिलता है।
बताते चले कि,बरसठी रेलवे स्टेशन ही नही पूरा विकास खण्ड बरसठी ही भ्रष्टाचारियो के भेंट चढ़ कर विकास के रास्ते से कोसो दूर रह गया है।
बात करते है रेलवे स्टेशन बरसठी की तो दर्जनों गाड़ियों के परिचालन के बाद भी अभी तक हाल्ट स्टेशन बन कर रह गया है।
बरसठी रेलवे स्टेशन एक शताब्दी के बाद भी समस्याओ को झेलने पर मजबूर है। आए दिन ‘रेल रोको आंदोलन’ , समाचार पत्रों प्रकाशित खबरों के द्वारा जनता जनप्रतिनिधियों को सूचित किया करती है लेकिन अनेको जिम्मेदारो द्वारा जनता को बड़ी ही आसानी घुट्टी पिला देते है।
बरसठी रेलवे स्टेशन पर अभी तक पीने का स्वच्छ पानी से लेकर साफ़ – सफ़ाई , कुर्सी – बेन्च , लाइट इत्यादि मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। अब यहाँ कई वर्षों से रेलवे के सरकारी कर्मचारी की जगह ठीके पर काम कराया जाता है। डिजिटल इंडिया वाली सरकार होते हुए भी बरसेठी (BSY) रेलवे स्टेशन पर आज तक हाथ से मोहर मार कर टिकट दिया जाता है।
बरसठी स्टेशन का निर्माण अंग्रेजों के जमाने मे हुआ था, उस समय मात्र केवल एक ही गाड़ी का परिचालन होता था । लेकिन बदलते युग मे बरसठी रेलवे स्टेशन से ए0जे पैसेंजर अप – डाउन, इंटरसिटी एक्सप्रेस , गोदान , फैजाबाद एक्सप्रेस सहित दर्जनों गाड़िया इस स्टेशन से होकर गुजरती हैं। कई गाड़ियों का ठहराव भी है लेकिन आज भी यहां यात्रियों के सुविधा के नाम पर कुछ भी नही है। भवन जर्जर हाल में है महिलाओं के लिए अभी तक एक भी शौचालय की व्यवस्था नही है। सबसे बड़ी समस्या है कि कई गाड़िया अधिकतर पांच से छः घण्टे विलंब से चलती है। जिससे रात होने पर स्टेशन पर घनघोर अंधेरा छा जाता है इतनी गाड़ियों के परिचालन के बाद भी टिकट बुकिंग प्राइवेट ठेकेदारों को दे दिया गया है। यात्रियों के सुविधा एवं सुरक्षा के लिए एक भी सरकारी कर्मचारी तथा रेलवे पुलिस रेलवे सुरक्षा बल की तैनाती नही है।
प्रमुख गाड़ियों का ठहराव न होने के कारण लोगो को महानगरों तक जाने के लिए बिस से पच्चीस किलोमीटर दूर मडियाहू या जंघई जंक्शन जाना पड़ता हैं।
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