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अखिलेश श्रीवास्तव
मछलीशहर, जौनपुर। स्थानीय तहसील क्षेत्र के कुंवरपुर गाव निवासी एक वृद्ध ने अपने दोनों पुत्रों के दुर्व्यवहार से क्षुब्ध होकर माता—पिता भरण पोषण अधिकरण के अध्यक्ष के यहां न्याय से गुहार लगाते हुए दाने—दाने के लिए मोहताज होने की बात बताई। जिसके बाद उक्त अधिकारी वृद्ध के दोनों पुत्र को नोटिस भेजकर तलब करने के बाद अपना फैसला सुनाया। जिसके बाद वृद्ध के दोनों पुत्रों को अपनी गलती का एहसास हो गया और पिता की सारी जरूरतों को भविष्य में पूर्ण करने की बात कही।
बताते हैं कि उक्त गांव निवासी रामलाल पुत्र रामसुमेर दो माह पूर्व पुत्रों द्वारा किये गए दुर्व्यवहार से क्षुब्ध होकर अपने अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार के मदद से माता पिता भरण पोषण अधिकरण के अध्यक्ष के यहां एक वाद दायर कर दिया।उन्होंने अपने शिकायती पत्र में कहा कि लगभग चार पाँच बीघा खेत है। जिसे हमारे दोनों पुत्रों ने अपने कब्जे में ले लिया है और मैं दाने दाने के मोहताज हो गया हूँ। जिसके बाद भरण पोषण अधिकरण के अध्यक्ष उपजिलाधिकारी मंगलेश दुबे मामले को संज्ञान में लेते हुए सुलह अधिकारी ललित मोहन तिवारी को तुरंत दोनों पुत्रों अरविंद एवं लवकुश को नोटिस देकर बुलाने के बाद सुलह कराने की बात कही।जिसके बाद सुलह अधिकारी ने दोनों को नोटिस भेजकर तलब कर लिया। इस दौरान उक्त अधिकारी ने दोनों पुत्रों को समझा बुझाकर मामले का पटापेक्ष कर दिया। जिसके बाद पुत्रों ने पिता के साथ किये गए कृत्य पर अफसोस जाहिर करते हुए कहा पिता को हर वर्ष तीन कुंतल गेहूं एवं छह कुंतल चावल देने के साथ उनकी हर जरूरतों को पूर्ण करेंगे। जिसके बाद पिता के चेहरे पर भी चमक आ गई और अपने पुत्रों को गले लगा लिया।
अखिलेश श्रीवास्तव
मछलीशहर, जौनपुर। स्थानीय तहसील क्षेत्र के कुंवरपुर गाव निवासी एक वृद्ध ने अपने दोनों पुत्रों के दुर्व्यवहार से क्षुब्ध होकर माता—पिता भरण पोषण अधिकरण के अध्यक्ष के यहां न्याय से गुहार लगाते हुए दाने—दाने के लिए मोहताज होने की बात बताई। जिसके बाद उक्त अधिकारी वृद्ध के दोनों पुत्र को नोटिस भेजकर तलब करने के बाद अपना फैसला सुनाया। जिसके बाद वृद्ध के दोनों पुत्रों को अपनी गलती का एहसास हो गया और पिता की सारी जरूरतों को भविष्य में पूर्ण करने की बात कही।
बताते हैं कि उक्त गांव निवासी रामलाल पुत्र रामसुमेर दो माह पूर्व पुत्रों द्वारा किये गए दुर्व्यवहार से क्षुब्ध होकर अपने अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार के मदद से माता पिता भरण पोषण अधिकरण के अध्यक्ष के यहां एक वाद दायर कर दिया।उन्होंने अपने शिकायती पत्र में कहा कि लगभग चार पाँच बीघा खेत है। जिसे हमारे दोनों पुत्रों ने अपने कब्जे में ले लिया है और मैं दाने दाने के मोहताज हो गया हूँ। जिसके बाद भरण पोषण अधिकरण के अध्यक्ष उपजिलाधिकारी मंगलेश दुबे मामले को संज्ञान में लेते हुए सुलह अधिकारी ललित मोहन तिवारी को तुरंत दोनों पुत्रों अरविंद एवं लवकुश को नोटिस देकर बुलाने के बाद सुलह कराने की बात कही।जिसके बाद सुलह अधिकारी ने दोनों को नोटिस भेजकर तलब कर लिया। इस दौरान उक्त अधिकारी ने दोनों पुत्रों को समझा बुझाकर मामले का पटापेक्ष कर दिया। जिसके बाद पुत्रों ने पिता के साथ किये गए कृत्य पर अफसोस जाहिर करते हुए कहा पिता को हर वर्ष तीन कुंतल गेहूं एवं छह कुंतल चावल देने के साथ उनकी हर जरूरतों को पूर्ण करेंगे। जिसके बाद पिता के चेहरे पर भी चमक आ गई और अपने पुत्रों को गले लगा लिया।
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