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जौनपुर। जनपद के गौराबादशाहपुर थाना क्षेत्र के तरखंड निवासी सुरेश सोनकर ने डीएम से मिलकर न्याय की गुहार लगायी जिस पर उन्होंने जांच करने का आदेश जारी कर दिया। शिकायतकर्ता के अनुसार उसकी बहन शीला देवी की पुत्री हेमा को बीते 12 जुलाई की रात लगभग एक बजे प्रसव पीड़ा शुरू हुई जिस पर वह जिला महिला अस्पताल लायी। यहां रात ढाई बजे नर्सों ने बताया कि डाक्टर साहब नहीं हैं जो सुबह आयेंगे। नर्सों ने अस्पताल के मोबाइल नम्बर से श्वेता नर्सिंग होम वाजिदपुर तिराहे की नर्स मीरा यादव के मोबाइल नम्बर पर काल किया। इसके बाद बहन शीला का एक सादे कागज पर निशान अंगूठा लेकर मरीज को उक्त अस्पताल भेज दिया गया। साढ़े 3 बजे मरीज को लेकर परिजन उक्त अस्पताल पहुंचे जहां उपचार शुरू कर दी गयी। सुबह साढ़े 6 बजे नार्मल डिलवरी हुई जिसके बाद मरीज हेमा की तबियत अचानक बिगड़ने लगी। चिकित्सक ने बताया कि बीपी इतनी कम हो गयी है कि मरीज को बचाना मुश्किल है, इसलिये इसको ईशा अस्पताल सिटी स्टेशन ले जाइये। इसके बाद कोरम पूरा करते हुये श्वेता नर्सिंग होम ने साढ़े 7 बजे ईशा अस्पताल भेज दिया लेकिन खून का बहाव ज्यादा होने से अस्पताल पहुंचने से पहले ही मरीज की मौत हो गयी। शिकायतकर्ता का आरोप है कि जिला महिला अस्पताल में चिकित्सक की नामौजूदगी, वहां के नर्सों द्वारा कमीशन के चक्कर में श्वेता नर्सिंग होम भेजना और वहां लापरवाही के चलते हालत बिगड़ने पर मरीज की हुई मौत के जिम्मेदार उपरोक्त सभी हैं। कृपया इस प्रकरण की जांच करते हुये इस मामले के दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाय।
जौनपुर। जनपद के गौराबादशाहपुर थाना क्षेत्र के तरखंड निवासी सुरेश सोनकर ने डीएम से मिलकर न्याय की गुहार लगायी जिस पर उन्होंने जांच करने का आदेश जारी कर दिया। शिकायतकर्ता के अनुसार उसकी बहन शीला देवी की पुत्री हेमा को बीते 12 जुलाई की रात लगभग एक बजे प्रसव पीड़ा शुरू हुई जिस पर वह जिला महिला अस्पताल लायी। यहां रात ढाई बजे नर्सों ने बताया कि डाक्टर साहब नहीं हैं जो सुबह आयेंगे। नर्सों ने अस्पताल के मोबाइल नम्बर से श्वेता नर्सिंग होम वाजिदपुर तिराहे की नर्स मीरा यादव के मोबाइल नम्बर पर काल किया। इसके बाद बहन शीला का एक सादे कागज पर निशान अंगूठा लेकर मरीज को उक्त अस्पताल भेज दिया गया। साढ़े 3 बजे मरीज को लेकर परिजन उक्त अस्पताल पहुंचे जहां उपचार शुरू कर दी गयी। सुबह साढ़े 6 बजे नार्मल डिलवरी हुई जिसके बाद मरीज हेमा की तबियत अचानक बिगड़ने लगी। चिकित्सक ने बताया कि बीपी इतनी कम हो गयी है कि मरीज को बचाना मुश्किल है, इसलिये इसको ईशा अस्पताल सिटी स्टेशन ले जाइये। इसके बाद कोरम पूरा करते हुये श्वेता नर्सिंग होम ने साढ़े 7 बजे ईशा अस्पताल भेज दिया लेकिन खून का बहाव ज्यादा होने से अस्पताल पहुंचने से पहले ही मरीज की मौत हो गयी। शिकायतकर्ता का आरोप है कि जिला महिला अस्पताल में चिकित्सक की नामौजूदगी, वहां के नर्सों द्वारा कमीशन के चक्कर में श्वेता नर्सिंग होम भेजना और वहां लापरवाही के चलते हालत बिगड़ने पर मरीज की हुई मौत के जिम्मेदार उपरोक्त सभी हैं। कृपया इस प्रकरण की जांच करते हुये इस मामले के दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाय।
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