जौनपुर। बसपा शासनकाल में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री जगदीश नारायण राय ने जनता को राहत देने और रास्तो की दूरियां कम करने के लिए के गोमती नदी पर तीन पुलों का निर्माण शुरू कराया था , लेकिन सरकार बदलने के बाद इस महत्वपूर्ण परियोजना पर ऐसा ग्रहण लगा कि आज तक पूरी नहीं हो सकी। ये पुल न बनाने से जहाँ जनता को राहत नहीं मिल पाया है वही सरकारी धन का बरबाद होता नजर आ रहा है। अब इन पूलो के निर्माण के लिए इस इलाके की जनता, कांग्रेस और सपा के कार्यकर्ताओ ने आन्दोलन शुरू कर दिया है।
तत्कालीन कैबिनेट मंत्री जगदीश नारायण राय के प्रयास से धर्मापुर विकास खण्ड के अखड़ो घाट पर छह करोड़ 22 लाख की लागत से आठ पावों का, विकास खण्ड मुफ्तीगंज के वीरमपुर घाट पर 7 करोड़ 25 लाख 89 हजार की लागत से नौ पावों का व पसेवा- मई घाट पर 6 करोड़ 22 लाख रुपये की लागत से आठ पावों का पुल बसपा शासन में स्वीकृत हुआ। पुल निर्माण के लिए सरकार ने तीन-तीन करोड़ रुपये की धनराशि भी कार्यदायी संस्था सेतु निगम को अवमुक्त कर दिया। वर्ष 2014 तक तीनों पुलों को पूरा करना था। वर्ष 2012 में बसपा की सरकार जाने के साथ ही पुल का निर्माण भी रुक गया। बीच में कुछ समय के लिए निर्माण शुरू जरूर हुआ, लेकिन इसे बीच में ही रोकना पड़ा। इसके बाद से मानों इस महत्वपूर्ण परियोजना में पूर्ण रूप से ग्रहण लग गया। पुल बनने से बड़े पैमाने पर लोगों को इसका लाभ मिलेगा, लेकिन इस मुद्दे पर सभी ने अपनी आंखें बंद कर रखी हैं।
निर्माणाधीन पुलों को पूर्ण कराने के लिए 19 अगस्त को समाजसेवी विकास तिवारी के नेतृत्व में कांग्रेस और सपा के कार्यकर्ताओ ने कलेक्ट्रेट परिसर में मौन प्रदर्शन किया, आज भाजपा के जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह को ज्ञापन सौप कर पुल का शीघ्र निर्माण कराने की मांग किया।
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