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केके वर्मा
केराकत, जौनपुर।
नगर व गोमती नदी के किनारे स्थित गोमतेश्वर महादेव का मंदिर बहोत ही मनभावन व प्रासंगिक है। यहां के विशाल शिवलिंग अकस्मात खेत से प्रकट हुए। यह सूचना क्षेत्रीय लोगों में मानो जंगल में आग की तरह फैल गयी।
क्षेत्रीय लोगों द्वारा खेत के ही पास मंदिर बनाया गया जिसमें जमीन से लेकर श्रम दान तक स्थानीय लोगों ने दिया और एक विशाल मंदिर का निर्माण हुआ। यहां का शिवलिंग पूरे पूर्वांचल के शिवलिंगों से विशाल है। यहां हर वर्ष शिवरात्रि पर विशाल मेले का आयोजन गोमतेश्वर महादेव समिति के तत्वावधान में किया जाता है।
हजारों श्रद्धालुओं से मंदिर परिसर व प्रांगण पटा हुआ रहता है। घाट पर पैर रखने की भी जगह नहीं बचती। मेला रात्रि तक चलता है यहां आस्था का ऐसा सैलाब काफी उमड़ता है। यहां मांगी गई मन्नतें अवश्य पूर्ण होती है। मंदिर गोमती तट पर बसे होने से लोगों का मन काफी मोहती है।
प्रतिदिन आरती भोर के 5 बजे व शाम को 6 बजे किया जाता है जिसमे श्रद्धालु प्रतिदिन हिस्सा लेते है। पास में स्थित छोटे छोटे मन्दिर भी आकर्षण का केंद्र है जिनमें पार्वती जी का मंदिर, दुर्गा जी का मंदिर, हनुमान जी का मंदिर, विश्वकर्मा जी का मंदिर प्रमुख है जो महादेव के किनारे स्थित है।
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