जल्द लुभाएंगी Dr. Jyoti Das की धरोहर व बनारसी ठुमरी की पुस्तकें


अंकित जायसवाल
जौनपुर। आज की इस भागती दौड़ती जिंदगी में इंसान दो पल शांति से बिताने के लिए परेशान रहता है ऐसे में संगीत उसके लिए संजीवनी का काम करती है। सुख हो दुख हो आदमी संगीत की दुनिया में ऐसा खोता है कि अपना सबकुछ भुला जाता है। भारत ने ऐसे कई महान संगीतकार व गायकों को पैदा किया है जो इस दुनिया में भले ही न हो पर आज भी उनकी आवाज कहीं न कहीं सुनाई देती है। यही वजह है कि उनके पुराने गीत आज भी अमर है लेकिन कुछ ऐसे गीत-संगीत है जो हमारे बीच से धीरे-धीरे गायब हो रहे है। इन गीतों को और हमारी परम्पराओं को संजोने का काम कर रही हैं जौनपुर की बेटी डा. ज्योति दास सिनहा। नगर के रासमण्डल में रहने वाली राज राजेश्वरी महिला महाविद्यालय की संगीत प्रवक्ता एवं पूर्व सभासद डा. दास अपनी नई किताब को लेकर एक बार फिर चर्चा में है। उनका कहना है कि हम रहें या ना रहें लेकिन हमारी लिखी किताबें हमेशा अमर रहेंगी जो संगीत के क्षेत्र में शोध करने वाले छात्रों का मार्गदर्शन करती रहेंगी।






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उन्होंने भोजपुरी लोकगीत पर लिखी अपनी दूसरी किताब 'धरोहर : पारंपरिक भोजपुरी लोकगीत" के बारे में बताया कि इस किताब में 2000 गीतों का संग्रह है। यह किताब ऐसे-ऐसे संगीतों का दुर्लभ संग्रह है जो अब हमारे बीच से गायब हो रहे है। हम अपनी पुरानी परम्परों को संजोने के लिए, लोक संस्कृति को संरक्षित करने के लिए लगे हुए है। यह किताब ओमेगा प्रकाशन दिल्ली से पब्लिश हुई है। 'धरोहर : पारंपरिक भोजपुरी लोकगीत" किताब को भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान शिमला द्वारा मिली फेलोशिप की मदद से लिखा गया है।





इसके अलावा उन्होंने अपनी एक अन्य पुस्तक 'बनारसी ठुमरी की परम्परा में ठुमरी गायिकाओं की चुनौतियां एवं उपलब्धियां (19वीं-20वीं सदी)" पर चर्चा करते हुए कहा कि यह पुस्तक शोध विद्यार्थियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होगी। संगीत के क्षेत्र में रुचि रखने वालों के लिए हमारी यह पुस्तक है। इस किताब में 19वीं-20वीं सदी के लोक गायिकाओं के जीवन के बारे में विस्तार से चर्चा की गयी है। उन्होंने बताया कि अब तक वह 12 किताबें लिख चुकी है जिनमें भोजपुरी लोक गीतों के विविध आयाम, संगीत सारांश, संगीत प्रवाह, नई सदी के नये सरोकार, संगीत चिकित्सा की महत्वपूर्ण पुस्तक राग, रोग और रोगी आदि शामिल है। उन्होंने कहा कि बतौर शिक्षक हम अपने समाज को आने वाली पीढ़ी को यह पुस्तकें भेंट कर रहे हैं जो हमारे जाने के बाद भी उनका मार्गदर्शन करते रहेंगे।


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