रामाज्ञा यादव
जलालपुर, जौनपुर। कुटीर चक्के में पंडित अजयेन्द्र दूबे के आवास पर आयोजित महाभागवत पुराण की चर्चा करते संत तुलसीदास हुए कहा कि कथा श्रवण से सांसारिक ग्रंथियों की गांठे सुलझ जाती हैं। यह संसार हमारा नहीं है और ना तो किसी काल में रहा है। समता संसार के प्रति और ममता भगवान के प्रति हो जाए तो जीवन को परम कल्याणकारी साधन उपलब्ध हो जाएगा।
अपने दो पुत्र ज्ञान वैराग्य की दशा से व्यथित माता भक्ति का नारद से संवाद और सौनकादि ऋषियों के पावन मिलन को रेखांकित करते हुए संत श्री ने कहा कि भागवत कथा से मन की मालीनता नष्ट होती है और मृत्यु से निर्भयता मिलती है धरती पर कोई स्वतंत्र नहीं है पावर हाउस से कनेक्शन कट गया तो बल्ब नहीं जलता उसी तरह पार्थिव शरीर पाषाणवत चल नहीं सकता। डॉ. अजयेंद्र कुमार दुबे ने मंचस्थ व्यास तुलसीदास जी का तिलकर्चन अभिनंदन किया। स्वास्तिक वाचन आचार्य श्यामजीत पांडेय, पंडित प्रेम शंकर दुबे ने किया तथा आरती वंदन अभिराम दुबे ने किया।
इस अवसर पर पंडित श्री भूषण मिश्र, राम नारायण चौबे, पंडित हरीश नाथ तिवारी, संजय तिवारी, शिवानंद शुक्ल, अमरनाथ यादव, अशोक यादव, अमरनाथ गिरी, माधवानंद शुक्ल, पत्रकार मनोज सिंह, ब्रह्मदेव दुबे, सुरेंद्र दुबे, रामजीत प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।
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