चेतन सिंह
बरसठी, जौनपुर। स्थानीय विकास खण्ड दर्जनों गांवों में डिजिटल ग्रामीण योजना के तहत लगा ऑप्टिकल फाइबर केबल व वाई-फाई मॉडम शोपीस साबित हो रहे है। ग्राम पंचायत स्तर के कार्यालयों को डिजिटल दुनिया से जोड़ने व रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए शुरू हुई डिजिटल ग्रामीण योजना गांव में पहुंचते ही हाफने लगी है। जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते ग्रामीणों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीण बीते दो वर्षों से सुविधा मिलने का इंतजार कर रहे है। ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी जिम्मेदार सिस्टम को चालू नहीं करा पा रहे हैं।
बता दें कि केंद्र सरकार की नोफन योजना के तहत भारत ब्राड बैंड नेटवर्क लिमिटेड (बीबीएनएल) ने ब्लॉक में दो वर्ष पूर्व करीब लाखों की लागत से गांव-गांव ऑप्टिकल फाइबर केबल दौड़ाकर पंचायत भवन, स्कूल या सार्वजनिक सुरक्षित स्थान पर वाई-फाई मॉडम लगाए गए है। मॉडम चलाने के लिए सौर ऊर्जा, बैटरी, बॉक्स आदि भी लगाये गये है। अभी तक ग्रामीणों को योजना का लाभ नहीं मिल सका है। गांवों में लगे मॉडम के कल-पुर्जे गायब हो रहे है। सौर ऊर्जा से संचालित बैट्रियां खराब रही है। कोई देखने सुनने वाला नहीं है। सरकार की मंशा है कि साइबर के जरिए ग्राम पंचायत स्तर के कार्यालयों जैसे स्कूल, पंचायत भवन, डाकघर आदि को डिजिटल दुनिया से जोड़ा जाए इससे ग्रामीणों को मिलने वाले पेंशन, आवास, शौचालय आदि की सुविधाएं ऑनलाइन मिल सके गांव में मिनी बैंक, मिनी एटीएम, टिकट, इंश्योरेंस जैसी तमाम सेवाए दी जाएगी इसका लाभ ग्रामीण छात्र-छात्राओं को भी देना है इससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे लेकिन सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना जमीन पर नहीं उतर पा रही है। क्षेत्र के खुआवा, सोतीपुर, खोइरी, दताव, बनकट, महुवारी समेत दो दर्जन से अधिक गांवों में लगे उपकरण धीरे-धीरे बिना इस्तेमाल ही कबाड़ हो रहे है कल पुर्जे जंग खा रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि दो वर्ष पूर्व कर्मचारियों ने तार दौड़ाकर वाई-फाई मॉडम लगा दिया लेकिन इसका कोई लाभ अब-तक ग्रामीणों को नहीं मिला, इसमें विभाग को लाखों का नुकसान हुआ है।
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