Adsense

सरकारी अस्पताल में मरीज की मौत या अनेपक्षित चोट पहुंचने, यद्यपि चिकित्सीय लापरवाही के बिना भी राज्य को मुआवजा देना बाध्यता - हाईकोर्ट द्वारा 5 लाख़ का मुआवजा देने का निर्देश | #NayaSaberaNetwork

सरकारी अस्पताल में मरीज की मौत या अनेपक्षित चोट पहुंचने, यद्यपि चिकित्सीय लापरवाही के बिना भी राज्य को मुआवजा देना बाध्यता - हाईकोर्ट द्वारा 5 लाख़ का मुआवजा देने का निर्देश | #NayaSaberaNetwork


नया सबेरा नेटवर्क
चिकित्सा क्षेत्र जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा - सरकार और चिकित्सा क्षेत्र का मदद करने का महत्वपूर्ण दायित्व - एड किशन भावनानी
गोंदिया - वैश्विक स्तर पर कोरोना महामारी के जबरदस्त प्रकोप में मानव जीवन में चिकित्सीय क्षेत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है,यह बात सभी को समझ में आई होगी। वैसे भी अगर हम सामान्य परिस्थितियों की भी बात करें, तो हमारे बड़े बुजुर्ग आदि काल से ही डॉक्टर को एक भगवान, अल्लाह के रूप में देखते हैं। हालांकि अभी चिकित्सक क्षेत्र में नई खोजें और तकनीकी के विकास के चलते नए आयाम प्राप्त किए हैं। परंतु इसके साथ ही इलाज की कीमतें भी बढ़ी है जिसके कारण एक गरीब आदमी सरकारी अस्पताल के अलावा कहीं और जाने की उम्मीद नहीं करता हैं और कितनी भी बड़ी तकलीफ या बीमारी क्यों ना  हो अपने परिजनों को सरकारी अस्पतालों में ही इलाज़ कराने के लिए निर्भर रहते हैं। जो कि संबंधित राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आता है। चिकित्सा क्षेत्र मानव जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और सरकार तथा चिकित्सा क्षेत्र को ही अपनी नैतिकता, सहजता, उदारता और जिम्मेदारी के प्रभाव से मरीज़ की मदद करने का महत्वपूर्ण दायित्व है, क्योंकि मरीजों उनके परिजनों, परिवार वालों को चिकित्सा क्षेत्र में के अलावा बस ऊपर वाले पर ही निगाहें रहती है। और सही न्याय नहीं मिलने पर पीड़ितों के पग अदालतों की ओर चले जाते हैं और फिर इंसाफ के मंदिर से तो सबको इंसाफ की उम्मीद बंधी ही रहती है।.... इसी विषय पर आधारित एक मामला माननीय मद्रास हाईकोर्ट में सोमवार दिनांक 1 फरवरी 2021 को माननीय सिंगल जज बेंच माननीय न्यायमूर्ति जी आर स्वामीनाथन के समक्ष रिट पिटिशन (एमडी) क्रमांक 2721/2017 याचिकाकर्ता बनाम स्टेट ऑफ तमिलनाडु व अन्य 10 के रूप में आया जिसमें माननीय बेंच ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के पश्चात अपने 9 पृष्ठों के आदेश के पॉइंट नंबर 7 और 8 में कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा प्रतिवादी डॉक्टरों पर लगाए गए लापरवाही के आरोप हमने सही नहीं पाए हैं और मैंने इस आरोप को ख़ारिज कर दिया है, परंतु इसमें, क्षतिपूर्ति देने इस सवाल का जवाब नहीं मिला। याचिकाकर्ता एक अति गरीब हैं व उसका उसके बच्चे की मृत देह उसे मिली जबकि याचिकाकर्ता और बच्चे दोनों की कोई गलती नहीं थी। भले चिकित्सा लापरवाही भी नहीं हुई थी। परंतु, सरकार का दायित्व बनता है और तमिलनाडु सरकार का आदेश जी ओ क्रमांक 395 दिनांक 4 सितंबर 2018 का एक फंड जिसमें हर सरकारी डॉक्टर इसमेंअंशदान करते हैं ऐसा एक फंड बनाया गया है उसमें से इस गरीब को,माननीय बेंच  ने तमिलनाडु राज्य सरकार को उस याचिकाकर्ता को 5 लाख रुपये का मुआवजा प्रदान करने का निर्देश दिया, जिसकी बेटी की सरकारी अस्पताल में एनेस्थीसिया (बेहोशी की दवा) देने के बाद पैदा हुई जटिलताओं के कारण मौत हो गई। बेंच ने इस मामले की सुनवाई की और कहा कि भले ही एनेस्थेटिस्ट की ओर से कोई चिकित्सकीय लापरवाही न की गई हो, लेकिन सरकार की ओर से एक दायित्व मौजूद है कि अगर किसी मरीज को एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया और वहां वह मरीज प्रभावित होता है या उसे चोट आती है या उसकी मौत हो जाती है, तो यह एक सामान्य घटना नहीं है। बेंच ने कहा कि, जब किसी मरीज को इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया जाता है और उसे कोई चोट आती है या मृत्यु हो जाती है, तो यह एक सामान्य घटना नहीं है,यहां तक की अगर यह घटना बिना किसी चिकित्सकीय लापरवाही के घटित होती है तो भी सरकार का दायित्व है कि वह प्रभावित पार्टी की मदद करे। मामले के तथ्य तत्काल मामले में, याचिकाकर्ता की बेटी, जिसकी उम्र 8 वर्ष थी, वह टॉन्सिल से पीड़ित थी और उसके उपचार के लिए अरुप्पुकोट्टई के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।इलाज के लिए उसे सर्जरी प्रक्रिया से गुजरना था और उस प्रक्रिया में, उसे एनेस्थीसिया (बेहोशी की दवा) दिया गया था। नतीजतन, कुछ जटिलताएं पैदा हुईं और उसे मदुरै के राजाजी सरकारी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया,जिसमें वह कोमा में चली गई और आखिरकार उसका निधन हो गया। कोर्ट का अवलोकन - एकल न्यायाधीश बेंच ने कहा कि काउंसलर द्वारा याचिकाकर्ता के लिए प्रस्तुत किया गया है कि उसकी सर्जरी करने से पहले उसे एनेस्थीसिया दिया गया। इसके बाद शरीर के अंदर अनेक जटिलताएं उत्पन्न हुईं और यह एनेस्थेटिस्ट की ओर से की गई लापरवाही के कारण हुआ। चिकित्सकीय लापरवाही को तथ्यात्मक निर्धारण की आवश्यकता बताते हुए,बेंच ने कहा कि बच्चे को जो दवा दी गई थी वह आंतरिक रूप से खतरनाक दवा नहीं थी, लेकिन इससे माइटोकॉन्ड्रियल बीमारियों वाले बच्चों के लिए जटिलताएं हो सकती हैं। हालांकि, यह नोट किया गया कि मृतक बच्चे को इस तरह की बीमारी होने का संकेत देने के लिए रिकॉर्ड पर कुछ भी नहीं था, जिससे पता चले कि डॉक्टरों द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया गया था। बेंच ने कहा कि,हमेशा ऐसे उदाहरण देखने को मिलते हैं, जब कोई दवा रोगी को दी जाती है और दवा का असर शरीर पर सही से नहीं होता है तो इससे दुर्भाग्यपूर्ण जटिलताएं उत्पन्न हो जाती हैं। इस मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ है। इसलिए, मुझे यह मानने के लिए कोई आधार नहीं मिला है कि प्रतिवादी एनेस्थेटिस्ट ने चिकित्सकीय लापरवाही का कोई भी कार्य किया है।हालांकि, भले ही अदालत ने चिकित्सकीय लापरवाही के आरोप को खारिज कर दिया, लेकिन यह टिप्पणी की कि याचिकाकर्ता एक अधिसूचित अनुसूचित जाति समुदाय का है और बच्चे को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।इस संदर्भ में, अदालत ने कहा कि, जब किसी मरीज को इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया जाता है और उसे कोई चोट आती है या मृत्यु हो जाती है, तो यह एक सामान्य घटना नहीं है, यहां तक की अगर यह घटना बिना किसी चिकित्सकीय लापरवाही के घटित होती है तो भी सरकार का दायित्व है कि वह प्रभावित पार्टी की मदद करे।कोर्ट ने कहा कि, तमिलनाडु सरकार ने एक कोष बनाया है, जिसमें प्रत्येक सरकारी डॉक्टर एक निश्चित धनराशि जमा करते हैं और तदनुसार, तत्काल आदेश की प्रति प्राप्त होने की तारीख से आठ सप्ताह की अवधि के भीतर इस निधि से याचिकाकर्ता को 5 लाख रुपया मुआवजे के रूप में देने के लिए निर्देशित किया जाता है।
-संकलनकर्ता कर विशेषज्ञ एड किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

*Ad : Admission Open : Nehru Balodyan Sr. Secondary School | Kanhaipur, Jaunpur | Contact: 9415234111, 9415349820, 94500889210*
Ad

*Ad : UMANATH SINGH HIGHER SECONDARY SCHOOL SHANKARGANJ (MAHARUPUR), FARIDPUR, MAHARUPUR, JAUNPUR - 222180 MO. 9415234208, 9839155647, 9648531617*
Ad


*Ad : संस्थापक दिवस समारोह 2021 — तिलकधारी सिंह इण्टर कालेज, जौनपुर — 26 फरवरी 2021 दिन शुक्रवार | तिलकधारी महाविद्यालय जौनपुर — 28 फरवरी 2021 दिन रविवार*
Ad



from Naya Sabera | नया सबेरा - No.1 Hindi News Portal Of Jaunpur (U.P.) https://ift.tt/304rjyt

Post a Comment

0 Comments