नया सबेरा नेटवर्क
विरार: महाराष्ट्र में रहने वाले हिंदी भाषियों के भेदभाव रहित संगठन ,उत्थान तथा विशिष्ट पहचान का संकल्प लेकर परिश्रम संस्था के बैनर तले संकल्प यात्रा कर रहे, महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्य मंत्री तथा लोकप्रिय उत्तर भारतीय नेता कृपाशंकर सिंह को जिस तरह से मुंबई तथा मुंबई के बाहर रहने वाले हिंदी भाषियों का सहयोग तथा आशीर्वाद मिल रहा है, उससे साफ है कि वेआने वाले दिनों में उस परंपरागत मिथ्या को तोड़ने में पूरी तरह से सफल होंगे जिसमें कहा जाता रहा है कि हिंदी भाषी कभी भी संगठित नहीं हो सकते। परिश्रम संकल्प यात्रा में जो खास बातें दिखाई दे रही हैं, उनमें हिंदी भाषी मुस्लिम समाज का भी आगे बढ़कर परिश्रम के साथ जुड़ना है। परिश्रम संकल्प यात्रा के माध्यम से कहीं न कही हिंदी भाषी समाज को यह बताने का प्रयास हो रहा है कि यदि आत्मसम्मान तथा विकास के साथ रहना है तो हमें आपसी भेदभाव को मिटाना होगा। कृपाशंकर के अनुसार परिश्रम, हिंदी भाषी समाज की विशिष्ट पहचान है। हम सभी ने परिश्रम तथा ईमानदारी के बल पर महाराष्ट्र के साथ-साथ पूरे देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आज का हिंदी भाषी समाज विकास की हर दौड़ में अग्रिम पंक्ति में खड़ा दिखाई दे रहा है। संकल्प यात्रा के दौरान कृपाशंकर धार्मिक स्थानों पर जाकर पुजारियों मौलवियों तथा पादरियों से आशीर्वाद लेना नहीं भूलते। उनके अनुसार धार्मिक व्यक्ति कभी भी कोई गलत काम नहीं कर सकता। इसलिए हर व्यक्ति को धर्म के प्रति आदर की भावना होनी चाहिए। विरार में संकल्प यात्रा के पहले कृपाशंकर सिंह ने जीवदानी माता का दर्शन किया तथा उनसे अपनी संकल्प यात्रा के लिए आशीर्वाद मांगा। कृपाशंकर सिंह ने यात्रा से प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े सभी लोगों के प्रति आभार देना नहीं भूलते। उनके अनुसार यही लोग संकल्प यात्रा की असली ताकत हैं। जो लोग परिश्रम के लिए तन, मन ,धन किसी भी प्रकार का सहयोग प्रदान कर रहे हैं, वे परिश्रम से बनने वाली भव्य इमारत की एक एक ईंट साबित होंगे। इसमें दो राय नहीं कि परिश्रम की ताकत एवं लोकप्रियता, एक खुशबू की तरह पूरे देश में फैल रही है।
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