नया सबेरा नेटवर्क
ऑक्सीजन सिलेंडर ऐसे छुपाए हैं जैसे देवताओं ने अमृत छिपाया था
जौनपुर। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा चलाए गए जागरूकता अभियान के तहत रविवार को जनपद के वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर एचडी सिंह ने जनता से संवाद स्थापित किया।उनका कहना है कि कोरोना का डर आम आदमी में ख़्ाौफ़ बन गया है ,जिस बीमारी में 98‡ लोग खुद थोड़े लक्ष्णों के बाद ठीक हो जाते है ।उससे इतना डर बहुत ही विचित्र लगता है और उस बीमारी जो हुई नहीं के डर से डॉक्टर, पोलिस ,जज ,ब्यूरोकरेट्स ,व्यापारी अफ़सर बड़ा आदमी छोटा आदमी सब लगे है,सिलेंडर बटोर के स्टोर करने में, क्यूँ की जब कोविड होगा,और बदक़स्मिती से आक्सीजन कम होगी तो हम हमारा परिवार दोनो कोरोना से बचे रहेंगे। आज लोगों ने सिलेंडर ऐसे छुपा रखा जैसे देवताओं ने अमृत को असुरों से बचा रखा था। ऐसा नहीं लगता समाज के इस आचरण ने कितने ग़रीबों मजलूमो को सड़कों गलियों और अस्पताल के गलियारों में मरने को मजबूर कर दिया है। स्वार्थीपन ने कुछ लोगों को तिल तिल मरने के लिए मजबूर कर दिया है। जागो यारों आप को ज़रूरत नहीं पड़ेगी मै दावे के साथ कहता हूँ 98‡ और वैक्सीन लगवा कर 100‡ नहीं पड़ेगी इसलिए कुछ समय बुरा है अच्छा समय आने वाला है। वैक्सीन लगवाओ जहां मिले जैसी मिले बिना भय या शंका के वैक्सीन कोई भी हो कोबैक्सिन,कोविशिल्ड, स्पुतनिक सारी एक जैसी है और सब सिर्फ जान बचती है। कोई सबूत नहीं है की कौन कितना असरदार है। पर जान नहीं जाएगी इसकी गारंटी सिफऱ् वैक्सीन दे सकती है और कोई मेदांत, मैक्स, गंगाराम और नामी गिरामी डॉक्टर नहीं बचा सकता। ख़्ााली बहस में न वक़्त गुज़रे। आप की जान सिफऱ् और सिफऱ् वैक्सीन बचा सकती हाँ बेवजह अपनी जान की बाज़ी न लगाये और अभी सिलेंडर न स्टोर करंे महीने बाद ये सिलिंडर बिना उपयोग हुए आपकी गैराज में रह जाएगा और आप का दिल सिसकेगा तड़पेगा उन मज़लूम गरीब और तड़पते मौत के मुँह में गए लोगों के लिए जिनकी आप मदद कर सकते थे।
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