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#JaunpurLive : सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों की शामत



जौनपुर महायोजना 2021-65 साल बाद फिर लागू
मास्टर प्लान के तहत गोमती किनारे से लेकर वाजिदपुर होते हुए चांदमारी तक की जमीन को खाली कराने का आदेश
शहर के ग्रीन लैंड पार्क और झील की जमीन पर बने होटल हॉस्पिटल शिक्षण केंद्र शॉपिंग काम्पलेक्स गिराये जायेंगे
16 सेक्टर में विभक्त इस भूमि पर कब्जा करने वाले 1150 लोगों को भेजी जा रही है नोटिस
76 लोगों को मिली नोटिस के बाद शहर में मचा है हड़कंप

जौनपुर। वर्ष 1956 में तत्कालीन प्रदेश सरकार ने समूचे प्रदेश में सुंदरीकरण के और हरियाली के मद्देनजर हर जिले के नाम से महायोजना लागू की थी। उसी दौरान बनी जौनपुर महायोजना आज 65 साल बाद नये कलेवर में उभर कर सामने आयी है। इस बीच साढ़े छह दशक मंे इन सरकारी जमीनों पर हजारों लोगों ने कब्जा करके मकान, होटल, शॉपिंग कॉम्लेक्स, विद्यालय, हॉस्पिटल, दुकानें तक बनवा लीं। जून के इस महीने में डीएम मनीष कुमार वर्मा के आदेश पर मास्टर प्लान विभाग और प्रशासनिक अफसर फाइलें खोजकर उनकी धूल झाड़ी और चिन्हित कर लोगों को नोटिस जारी करना शुरू कर दिया। जिनमें 76 लोगों को नोटिस तामील हो चुकी है। अभी तक 1150 लोगोंं को नोटिस जारी करने के लिए चिन्हित किया गया है।


एक तरफ जहां कब्जा करने वालों में अफरा तफरी है, वहीं दूसरी तरफ आमजन को भरोसा नहीं हो रहा है क्योंकि धूल में अटी पड़ी यही फाइल गाहे बगाहे प्रशासनिक अफसरों के लिए कीमती पान और दुधारू गाय बनी हुई थी। जब भी जिस अफसर को पैसे का ठाला पड़ता था किसी मोटी मछली को नोटिस थमा कर फाइल दबा देते थे। दिलचस्प ये भी है कि जमीन कब्जा करने वाले जमींदारों से चुटकी बैनामा बताकर खुद को पाक साफ बताते रहे। लेकिन किसी भी भवन का नक्शा नहीं पास है। वर्ष 1977 में कांग्रेस के रामनरेश यादव वाली प्रदेश सरकार में झीलों, पार्कों व ग्रीनलैड की जमीन को धरातल पर लाने की कोशिश की थी। लेकिन राजनीतिक रसूख और रूपये की सीढ़ी से ये भूमाफिया कब्जा करते रहे। अब झील के नाम पर लगभग दो बीघे जमीन की तलहटी में जलकुंभी नजर आ रहे हैं। बावजूद इसके  एक बिस्वा क्षेत्रफल का कथित चुटकी बैनामा व पट्टा कराने वाले उसी जमीन के साथ एक बीघा कब्जा करते रहे। आज जहां झील होनी चाहिए वहां अस्पताल, मैरेज लॉन, थ्री स्टार होटल, निर्माणाधीन पंाच सितारा होटल व दुकाने बनते जा रहे हैं। 


इस मामले में विनयमित प्राधिकारी/सिटी मजिस्ट्रेट अनिल कुमार अग्निहोत्री का कहना है कि महायोजना 2021 में पार्क, ग्रीनलैंड के लिए आरक्षित भूमि पर व्यवसायिक व आवासीय भवन निर्माण किया गया है। उनसे पूछा गया है कि स आधार पर उन्होंने भवन बनाया, क्यों न उनके भवन को गिरा दिया जाये, यदि किसी प्रकार का निर्माण हो रहा है तो उसे तुरंत रोक दिया जाये अन्यथा संबंधित लोग अर्थदंड के भागी हो सकते हैं। जो अपराध के लिए दोषी पाये जाने पर प्रतिदिन पांच सौ रूपये अर्थदंड भरेंगे। इस तरह शहर के सैकड़ों भवन स्वामी कार्रवाई की जद में आयेगें। शहर के ग्रीन बेल्ट निषिद्ध क्षेत्र में आते हैं या भूमि जौनपुर महायोजना 2021 में पार्क के लिए आरक्षित है। नोटिस पाने वालों को एक सप्ताह में जवाब देने होंगे। यदि जवाब नहीं मिला अतिक्रमण किये गये हिस्से को गिरा कर ध्वस्तिकरण शुल्क भी वसूला जायेगा। 

ये है शहर के 16 सेक्टर में किया गया विभाजन 
जौनपुर, प्रशासन ने पुरानी महायोजना के नक्शे से जिन इलाकों को चिन्हित किया गया है इसमें सैकड़ो एकड़ जमीन सरकार की जद में आ रही है। इनमें आजमगढ़-गाजीपुर को जाने वाले नये पुल से वाजिदपुर तिराहा, चांदमारी, कन्हईपुर देहात, बदलापुर पड़ाव से कलीचाबाद पुलिया, शिया कालेज से हमजा चिश्ती तक, लाइन बाजार से खरका कालोनी तक, गंगापट्टीकला, जगदीशपुर, माधुरी चौरसिया से आदमपुर मार्ग तक, नयी मंडी के पीछे भवानीपुर, प्रसाद टेक्नॉलाजी कालेज से चौकिया मार्ग तक, नईगंज तिराहे से ईदगाह मार्ग तक, लखनपुर से सरफराजपुर तक, सीहीपुर से सैदनपुर तक, पचहटिया मंडी मार्ग से चितरसारी रोड तक और प्रेमराजपुर मार्ग तक की सरकारी जमीन प्रशासन की नजर में आ गयी है। इन्हीं में 1150 लोगों को नोटिस भेजी जा रही है। एक हफ्ते में जवाब देने और अतिक्रमित जमीन खाली करने का आदेश दिया जा रहा है। अब तक 76 लोगों को नोटिस पहुंच चुकी है और अगली सुनवाई पांच जुलाई को सिटी मजिस्ट्रेट /विनयमित प्राधिकारी न्यायालय में होगी।

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1 Comments

  1. If our DM sir will be able to do it his name will be written in golden words in the history of jaunpur.Land mafias has made hospital,hotels,malls, educational institutions,without prieor approval of sanctioned map,all made on green land area..hope with strong will power & determination of DM sir may be implemented...

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