साढ़े छह दशक बाद जौनपुर महायोजना 2021 के रूप में पाताल से निकलकर बाहर आ गई।
जौनपुर। वर्तमान डीएम मनीष कुमार वर्मा ने शासन को संज्ञान में लेकर मछलियों और खूंखार जलजीव रूपी भू-माफ़िया पर जाल फेंक दिया। अभी तक लगभग 100 लोगों को नोटिस जा चुकी है। इस दायरे में 1150 आ चुके हैं। सरकारी फंदे में जो 76 मछलियां फंसी हैं वह बहुत छोटी हैं। मगरमच्छ, अजगर, एनाकोंडा तो झील में हिलकोरें मार रहे हैं। हालांकि शासन-प्रशासन ने शहर के 16 इलाकों में सैकड़ों एकड़ जमीन को चिन्हित कर लिया है। 1956 में बनी महायोजना अब महायोजना 2021 के रूप में उभरकर आयी है। तमाम भू-माफिया कथित ज़मीदारों से चुटकी बैनामा या किसान बनकर खेती के नाम पर एक करिश्माई लेखपाल के जरिये पट्टा लेने वालों से भी कथित बैनामा पुराने भूरे कागज़ पर कराकर रकम काटते रहे। 1977 में तत्कालीन सीएम दिवंगत रामनरेश यादव की सरकार ने महायोजना पर काम शुरू किया था लेकिन जौनपुर की तरह प्रदेश के विभिन्न जिलों में भी पैसे और रसूख वालों ने शायद इसे आगे नहीं बढ़ने दिया। बाद में क्षेत्रीय दलों की सरकारों में ज़मीन पैसे की लूट मची रही। बीच में कल्याण सिंह की सरकार में शासन-प्रशासन सख्त रहा।
अब जब प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ हैं तो ब्यरोक्रेट्स के जरिये व्यवस्थित तरीके से सबकुछ पटरी पर ला रहे हैं। इनकी ईमानदारी और निष्पक्षता पर किसी के सर्टीफिकेट की जरूत नहीं है। रहा सवाल जौनपुर में ईमानदार छवि वाले नेता की तो वह हैं पूर्व विधायक सुरेंद्र प्रताप सिंह। उन्होंने अपनी विधायक निधि से बनी कई सड़कों का लोकार्पण इसलिए नहीं किया क्योंकि वह मानक के विपरीत थीं।
खैर हम बात करते हैं झील की, जहां जलकुम्भी में तमाम मगरमच्छ, एनाकोंडा रूपी भू-माफ़िया तलहटी में अट्टालिका खड़ी कर करोड़ों कमा रहे। नक्शा किसी का पास नहीं है। ये सब करोड़ों में से लाखों खर्च करके अफसरों की नीयत बदल देते रहे और फाइल दबती रही। महायोजना की ही ज़मीनों की वल्दियत बदलवाने को तमाम भू-माफ़िया प्रदेश के एक मंत्री के पास लाखों में चंदा भी जमा कर रहे थे। जिले के प्रबुद्ध बताते हैं वर्तमान डीएम मनीष कुमार वर्मा काफ़ी सुलझे, शासनादेश और नियम कानून से चलते हुए भू-माफ़िया पर नोटिस रूपी जाल बिछा दिए हैं। अब इनके तबादले को भू-माफिया लग गए हैं लेकिन यह शासन की मंशा पर काम शुरू हुआ है। दिलचस्प यह कि भू-माफ़िया किसी एक के नहीं हैं। वह सरकारों के बदलने से पूर्व नई सरकार में पैठ बना लेते हैं। वर्तमान में ही एक ने भाजपा का बोर्ड लगाकर झील, फ्रेजर स्कूल की ज़मीन के अलावा कई जगह अपने झंडे गाड़े हैं। इतना ही नहीं इसी के परिवार के एक ने सिने फ़नकार राजेश विवेक (उपाध्याय) का मकान जहांगीराबाद में कब्जा कर लिया। तारापुर कालोनी बदलापुर पड़ाव में एक मुस्लिम को भी दबाना चाहा पर वह कोर्ट चला गया। इसी तरह के तमाम एनाकोंडा झील में सोने की खेती कर रहे हैं। अब ईमानदार, सख्त किंतु सहज व्यक्तित्व वाले ब्यूरोक्रेट से मगरमच्छ को सामना करना पड़ रहा है।
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