नया सबेरा नेटवर्क
जौनपुर। कोरोना के संत्रास से उबरते हुए विश्व के लिए आज का विश्व पर्यावरण दिवस कुछ विशेष होना चाहिए। हमने ऑक्सिजन की सप्लाई लाइन बन्द होते ही लोगों को छटपटाहट के साथ मरते देखा है, ऑक्सिजन सिलिंडर की मारा मारी के साक्षी भी हुए हैं हम, हुक्मरान जो खुद को खुदा मान बैठे थे उन्हें ऑक्सीजन के लिए गिड़गिड़ाते देखा है हमने । पल प्रतिपल ऑक्सीजन के लिए बढ़ते हुए दाम और खूब पैसे के बावजूद मरते हुए लोगों को देखने का बाद हमे सोचना होगा हम सिलिंडर में बंद ऑक्सीजन पर जीवन चलाएंगे या प्रकृति प्रदत्त मुक्त वातावरण की ऑक्सीजन हमारा प्राण वायु बनेगा। हमे तय करना होगा कि सांस लेने के लिए हम वेंटिलेटर पर जाना चाहते हैं या प्रकृति की गोद मे हम स्वतंत्रता पूर्वक जीवन नैया पार लगाएंगे । कोरोना ने बताया है कि विज्ञान, प्रकृति के पूरक के रूप में ही स्वीकार्य है, यदि प्रकृति से प्रतिद्वंद्विता का शंखनाद किया जाएगा फिर परिणाम तबाही ही होगा। हमे प्रकृति का सम्मान करना होगा और प्राकृतिक संतुलन को कायम रखना होगा।
उक्त आशय के विचार गणतंत्र दिवस परेड के रासेयो दल नायक उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड के दल नायक एवम राज कॉलेज जौनपुर के राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक डॉ संतोष कुमार पांडेय ने आज विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर व्यक्त किया। दल नायक के आह्वान पर स्वयंसेवियों द्वारा भी अपने घरों पर बृक्षारोपण किया गया तथा सभी के द्वारा प्रत्येक रोपित पौधे के संरक्षण का शपथ लिया गया । स्वयं डॉ पांडेय द्वारा स्वयंसेवी अनिशा पांडेय तथा बृजमोहन विश्वकर्मा के साथ अघोर आश्रम बदलापुर में पीपल का वृक्ष लगा कर उसके संरक्षण का दायित्व ग्रहण किया गया। वृक्षारोपण के उपरांत स्वयंसेवियों तथा दलनायक के साथ ऑनलाइन जुड़कर शपथ लिया गया।
from Naya Sabera | नया सबेरा - No.1 Hindi News Portal Of Jaunpur (U.P.) https://ift.tt/3x2HZ7Z
0 Comments