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#JaunpurLive : चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी शिक्षा की अलख जगा रहे हैं मनपा स्कूल

#JaunpurLive : चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी शिक्षा की अलख जगा रहे हैं मनपा स्कूल


मुंबई: कोविड-19 महामारी के इस काल का स्कूल और कालेज सर्वत्र  बच्चों की शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है । विद्यालयों को नवीन प्रवेश में कमी  का  सामना करना पड़ रहा है लेकिन  आर-मध्य विभाग के कांदीवली में स्थित मुंबई पब्लिक स्कूल पोयसर हिंदी क्र. 3 शैक्षणिक वर्ष 2021-22 में बड़ी संख्या में नवीन छात्रो का  नामांकन किया है । यह महज संयोग नहीं है बल्कि मुख्याध्यापिका और संपूर्ण स्टाफ के संयुक्त प्रयत्न का परिणाम है । विद्यालय में अधिक से अधिक छात्रों का प्रवेश हो  इस उद्देश्य से  शाला की मुख्याध्यापिका  श्रीमती संगीता हेमंत वडे  अपने शैक्षणिक स्टाफ  के साथ एक योजना बनाईं । उसके अनुसार सभी शिक्षक आनलाईन अध्यापन कार्य करते हुए  पोयसर बस्ती परिसर में घर-घर जाते हैं , अभिभावकों से बात करते हैं ।जो बच्चे कहीं नहीं पढ़ते उनका सर्वे कर  स्कूल में उन्हे दाखिला दिलाते हैं । शाला द्वारा छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो इसके लिए  किए जा रहे प्रयासों से पालकों को अवगत कराते हैं । वर्ष 2016 से  विद्यालय का शैक्षणिक रिकार्ड उत्कृष्ट रहा है ।महाराष्ट्र शासन द्वारा 5वीं तथा 8वीं के छात्रों के लिए आयोजित शिष्यवृत्ति परीक्षा में प्रतिवर्ष मेरिट लिस्ट में छात्रों को स्थान प्राप्त होता है । विशिष्ट  योग्यता वाले छात्रों के लिए विशेष प्रयास किए जाते हैं । जैसे मुंबई महानगरपालिका द्वारा समय-समय बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है । शिक्षक भी छात्रों की कठिनाई दूर कर उन्हें स्वावलंबी बनने में सहायता  करते हैं ।विगत शैक्षणिक वर्ष में  8 छात्रों को आनलाईन सहायता प्रदान की गई । जरुरतमंद छात्रों को स्टेशनरी प्रदान करने हेतु मुख्याध्यापिका विभिन्न एन.जी. ओ. और सामाजिक कार्यकर्ताओं से संपर्क करने का प्रयत्न करती हैं । इस प्रकार कोई छात्र मूलभूत शिक्षा से वंचित न रहे इसके लिए विद्यालय अभिभावकों और छात्रों तक  पहुँचने का   हर संभव  प्रयास करता है । शिक्षक आस-पास की बस्ती में नियमित जाते हैं और  प्रतिदिन कम से कम दो छात्रों का नामांकन कराते हैं । यह सब  उपशिक्षणाधिकारी शिक्षणाधिकारी राजू तड़वी, सुजाता खरे, अधीक्षक श् अशोक मिश्र, प्रशासकीय अधिकारी(शाळा) दीपिका पाटिल, विभाग निरीक्षिका कल्पना उंबरे  के साहसपूर्ण और  उत्तम मार्गदर्शन  से और स्कूल स्टाफ के अथक प्रयास तथा आपसी तालमेल के कारण  संभव हुआ है।

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