जौनपुर। अपने लिए हर इंसान जीता है लेकिन जो दूसरों के लिए जीता है उसे ही असल में जिंदगी कहते हैं। लोगों की मदद करना हर पल उनके साथ खड़ा रहना, इसी का नाम जिंदगी है। जब एक सार्वजनिक संगठन लोगों की मदद करने का बीड़ा उठाता है तो उससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता। ऐसा ही शहर के कुछ सक्रिय संगठन है जिन्होंने बीते लॉकडाउन में जब सब कुछ बंद पड़ा था, तब स्वयंसेवक अपनी जान की परवाह किए बिना ज़रूरतमंदों की मदद के लिए आगे आए। लॉक डाउन का समय ऐसा था जब हर किसी के मन में बस एक ही बात थी उनका पेट कैसे भरेगा। जो लोग अमीर है उन्हें तो इसकी कोई चिंता कतई न हुई लेकिन मध्यवर्गीय और गरीब लोगों को चिंता थी कि उनके घरों में चूल्हे कैसे जलेंगे। इस प्रकार की समस्या को देखते हुए एनजीओ गुरुक्षेत्र फाउंडेशन ने अपनी टीम सदस्यों के साथ न केवल लोगों को राशन दिया, बल्कि मलिन बस्तियों में रह रही महिलाओं के लिए काफी कार्य किया। गुरुक्षेत्र फाउंडेशन ने उत्तर प्रदेश प्रशासन, जौनपुर पुलिस, नगर पालिका परिषद और यहां तक कि जोमेटो इंडिया जैसी संस्थाओं के साथ भागीदारी की। लॉक डाउन के दौरान उन्होंने महिलाओं व लड़कियों के बीच 20 हजार से ज्यादा सैनेटरी नैपकिन वितरित किए। इसके अलावा एनजीओ ने राहत सामग्री, भोजन, राशन, कपड़े, साबुन, कीटाणुनाशक, डिटर्जेंट, मास्क, जूते, स्टेशनरी और सैनिटरी नैपकिन प्रदान किये।
ट्रस्टी इंद्रदमन उपाध्याय ने बताया कि कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा असर गरीब लोगों पर पड़ा। दिहाड़ी करने वाले मजदूर जिनकी आजीविका ही रोज की दिहाड़ी पर निर्भर थी। मलिन बस्तियों के अलावा जो मध्यवर्गीय परिवार के लोग थे, ऐसे लोगों से संपर्क किया गया। पुलिस के साथ मिलकर इन लोगों को पहले एक-एक महीने का राशन दिया गया। उसके बाद उन्हें संबंधित क्षेत्र के पुलिस बीट बॉक्स इंचार्ज का नंबर दिया गया, ताकि उन्हें कोई समस्या हो तो वो उन्हें संपर्क करे और पुलिस कर्मी हमें बता दें। कोविड-19 प्रोटाकॉल को ध्यान में रखते हुए सब कार्य किए गए। लोगों को दवाईयों की काफी जरूरत थी, उन्हें दवाइयां पहुंचाई गई।
लॉक डाउन के बाद ट्रस्ट ने योजना और अभियान के माध्यम से समाज के सभी वर्गों को जागरूक और सर्वांगीण विकास के लिए कार्य कर रही है। ट्रस्ट के कमेटी की बैठक में बताया गया कि शहर के विभिन्न चिन्हित सार्वजनिक जगह पर सर्वजन के लिए शीतल जल की व्यवस्था ट्रस्ट की ओर से की जाएगी इससे राहगीरों को काफी राहत मिलेगी। गर्मी में जरूरतमंद के लिए 1,000 निःशुल्क टीशर्ट वितरण करने का लक्ष्य बनाया गया है। साथ ही 550 गरीब बच्चों को वार्षिक पाठ्यक्रम सामग्री वितरित की जाएगी जिसमें पुस्तक, कॉपी, कलम, पेंसिल, रबर, ड्राइंग बॉक्स आदि शामिल रहेंगे। इस दौरान ट्रस्टी इंद्रदमन उपाध्याय, जय प्रकाश उपाध्याय, राजेश उपाध्याय, आलोक उपाध्याय, विमलेश उपाध्याय, शुभम चतुर्वेदी, ज्ञानती देवी, अनुपम उपाध्याय, आंचल विश्वकर्मा, संध्या चौबे, वंदना सिंह सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
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