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#JaunpurLive : श्रद्धांजलि समारोह का हुआ आयोजन, मृत्यु भोज बहिष्कार का लिया गया संकल्प



  • जनपद समेत क्षेत्र के सम्भ्रान्त लोगों ने लिया हिस्सा
  • वक्ताओं ने मां के जीवन पर प्रकाश डालते हुये बताया आदर्श
 
केराकत, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के ग्राम सेनापुर में रविवार को दोपहर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर मृत्युभोज का बहिष्कार करने के लिए आमजन को जागरूक किया गया। गौरतलब है कि शिक्षक अमरनाथ शास्त्री की माता किसमत्ती देवी पत्नी दिवंगत भगवान दास का निधन विगत 28 मार्च हो गया था। इस दुखद परिस्थिति में अमरनाथ शास्त्री ने समाज  को वैज्ञानिक दिशा देने के लिए और समाज में मौजूद कुरीतियों रूढ़िवादी परंपराओं के खिलाफ समाज को बेहतर दिशा की ओर ले जाने लिए हर धर्म के कर्मकांडों से ऊपर उठकर अपनी माता की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया।


सभा में जनपद के ही नहीं, आस—पास के जिलों से सैकड़ों की संख्या में बुद्धिजीवी, सामाजिक, राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने स्मृति सभा में शामिल होकर समाज के शोषित पीड़ित, वंचित समाज को क्यों मृत्युभोज नहीं करना चाहिए, इस पर विस्तार से अपने विचार रखें। अपना विचार रखते हुए सूबेदार बौद्ध ने कहा कि हमारे अनेक संतों—महापुरुषों ने हमें प्रगतिशील रास्ता दिया है जिस पर हम चलकर अपने और समाज के कुरुरितियों और पाखंड के दलदल से बाहर निकाल सकते हैं।
वहीं कामरेड नंद लाल ने कहा कि आज समाज ने बहुत तरक्की की है। हम तकनीक और विचार में आगे निकल गए हैं लेकिन हम व्यवहार और परंपरों में वहीं अटके हुए हैं। वहीं रामचंद्र ने कहा कि हम सब देवताओं को पूजने जाते हैं और ब्राह्मण को दान दक्षिणा देते हैं लेकिन अपने ही घर में अपने माता—पिता की उपेक्षा करते हैं। दुनिया के हर धर्मों में पाप के मुक्ति का रास्ता बताया गया है। वह मुक्ति धर्मगुरुओं को दक्षिणा दिए बैगर नहीं हो सकती हैं। ऐसे में सभी वक्ताओं का मत था कि समाज को मृत्यु भोज का बहिष्कार करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में आये वक्ताओं ने किसी मृत्युभोज के सम्बंध में कहा कि समाज में बहुत से ऐसे परिवार है जो आर्थिक रूप से कमजोर है। मृत्यु भोज कार्यक्रम के लिए उनको कर्ज लेना होता है जिसके चलते भारी कर्जे के बोझ के तले वे दब जाते हैं। आर्थिक रूप से बहुत कमजोर हो जाते हैं और उनका विकास रुक जाता है।
इस अवसर पर कामरेड बचाऊ राम, राजेन्द्र प्रधान, पूर्व प्रधान रमेश कुमार, प्रतिभा, सुमन, मधु, शांति, अनिल चौहान, अमरदेव राम, ऋषभ मेहता, अरुण कुमार, राजेश गौतम, सुदर्शन, धर्मेन्द्र गुप्ता, सुभाष, हरिश्चंद्र, शिव नारायण मास्टर, योगेंद्र, सतेंद्र, राकेश समेत तमाम लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन लाल प्रकाश राही ने किया।

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