सिकरारा, जौनपुर। योगी सरकार मनरेगा जैसी योजना को पारदर्शी बनाने के लिए तमाम प्रकार के नियम व कानून बना रही है, लेकिन उक्त योजनाओं पर पानी फेरने से ग्राम प्रधान व संबंधित कर्मचारी और अधिकारी बाज नहीं आ रहे हैं। मड़ियाहूं विकासखंड के अंतर्गत स्थित ग्राम सभा मेहंदी में मनरेगा में हुए भ्रष्टाचार को लेकर चर्चा में आ गया है। उक्त ग्राम सभा के ग्राम प्रधान उमेश यादव ने तो सारी हदें पर कर दी कुछ ऐसे लोगों का जॉब कार्ड बनाकर पैसा निकाल लिया गया है जो गांव के निवासी नहीं है। अगल-बगल गांव में भी ढूंढने पर न तो उनका नाम पता चल रहा है न तो चेहरा ही दिखाई दे रहा है। उक्त गांव के निवासी सामाजिक कार्यकर्ता विनोद सिंह ने सबूत सहित प्रदेश के मुख्यमंत्री व जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर जांच करके कार्रवाई करने की मांग की है।
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दिए गए प्रार्थना पत्र में उन्होंने यह दर्शाया है कि ग्राम प्रधान उमेश यादव ग्राम पंचायत सचिव तथा वीडियो की मिली भगत से फर्जी मनरेगा जॉब कार्ड तथा भारतीय स्टेट बैंक व पंजाब नेशनल बैंक के कर्मचारियों द्वारा फर्जी ढंग से खाता खोलकर ऋषभ दुबे निवासी ग्राम मेहंदी, इंदू दुबे पत्नी अशोक दुबे ग्राम मेहंदी्र मनीष दुबे पुत्र ऋषभ दुबे ग्राम मेहंदी, सुशील दुबे पत्नी सुरेश दुबे ग्राम मेहंदी, प्रिया दुबे व अशोक दुबे का मनरेगा जॉब कार्ड बनाया गया है, जिस जॉब कार्ड से ऋषभ दुबे 2022-23 में 100 दिन का कार्य करना दिखाया गया है। भुगतान 21,300 दिखाया गया है। इंदु दुबे वर्ष 2022-23 में 100 दिन का कार्य करना दिखाया गया है। भुगतान 21,300 दिखा गया है। मनीष दुबे वर्ष 2022-23 में 82 दिन कार्य करना दिखाया गया है। भुगतान 17,000 466 रुपए दिखाया गया है। सुशील दुबे वर्ष 2022 और 2023 में 100 दिन कार्य करना दिखाया गया है। भुगतान 21,300 दिखाया गया है। उक्त लोगों का भारतीय स्टेट बैंक के खाते से निकल गया है। प्रिया दुबे 2022-23 में 65 दिन कार्य करना दिखाया गया है। भुगतान 11,928 पंजाब नेशनल बैंक से निकलना दिखाया गया है। अब यह देखना है कि निष्पक्ष ढंग से मनरेगा में हुए उक्त भ्रष्टाचार की जांच पारदर्शी तरीके से की जाती है या नहीं, क्योंकि जॉब कार्ड बनाने से लेकर भुगतान करने तक भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों का हाथ है।