Jaunpur Samachar : बच्चों को कार दें या न दें, संस्कार जरूर दें : डॉ. मदन मोहन मिश्र

Whether you give a car to your children or not, definitely give them good values: Dr. Madan Mohan Mishra

जौनपुर। शिव मंदिर प्रांगण पाण्डेयपट्टी इमलो में चल रही श्रीराम कथा के दौरान वाराणसी से पधारे मानस कोविद कथावाचक मदन मोहन मिश्रा ने कहा कि म से मर्यादा, अ से आदर्श, न से नम्रता और स से सहनशीलता यदि ये चारों बातें व्यक्ति के जीवन में आ जाय तो लोक और परलोक दोनों संभल जाता है। आयोजित सात दिवसीय श्रीराम महोत्सव में डॉ. मिश्र ने आगे कहा कि दाम्पत्य जीवन में मधुरता होगी तो सम्पत्ति की कमी नहीं होगी। राजा मनु सतरूपा प्रसंग की चर्चा करते हुए कहा कि यदि पति-पत्नी में सामंजस्य है तो बेटे का बेटा ध्रुव भक्त और बेटी का बेटा कपिल भगवान् के रूप में घर पर ही मिल जाते हैं। ऋषि का श्राप भी वरदान हो जाया करता है। देवर्षि नारद ने भगवान को श्राप दिया कि बंदर आप की सहायता करेंगे। भगवान ने नारद का चेहरा बंदर का बनाया, लेकिन समाज में लोगों ने नारद के रूप में ही देखा। प्रतापगढ़ से पधारे मानस प्रवक्ता पं. आशुतोष द्विवेदी ने कहा कि सती ने सीता का स्वरूप तो बनाया, लेकिन स्वभाव नहीं बना पायी। सीता हमेशा राम के पीछे चलती थी लेकिन सती राम के आगे चलने लगी। हम अपने बच्चों को कार दें या न दें, संस्कार जरूर दें क्योंकि कार से व्यक्ति बड़ा आदमी बनता है तो संस्कार से भला आदमी बनता है। मंच संचालन महेंद्र शास्त्री ने किया। विद्वानों का स्वागत व्यवस्थापक शीतला प्रसाद मिश्र ने किया। इस अवसर पर रामचंद्र शास्त्री, सत्य नारायण सहित भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।


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